लखनऊ विकास प्राधिकरण की जमीन पर बना अवध बाजार गिरेगा, एलडीए ने दर्ज कराया मुकदमा

अब प्राधिकरण ने आरोपियों पर कई धाराओं में मामला दो अप्रैल को दर्ज कराया है। वहीं लविप्रा की जमीन पर बने बहुमंजिला अवध बाजार को गिराने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। विशेष कार्याधिकारी अमित राठौर ने बताया कि अर्जित जमीन पर अवध बाजार पूरी तरह से अवैध है।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Sun, 10 Apr 2022 08:47 PM (IST) Updated:Mon, 11 Apr 2022 06:45 AM (IST)
लखनऊ विकास प्राधिकरण की जमीन पर बना अवध बाजार गिरेगा, एलडीए ने दर्ज कराया मुकदमा
एलडीए ने आरोपियों पर कई धाराओं में मामला दो अप्रैल को दर्ज कराया है।

लखनऊ, [अंशू दीक्षित]। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) ने विकास नगर थाने में टेढ़ी पुलिया के पास स्थित ग्राम आकिलपुर में अधिगृहित जमीन पर कंप्लेक्स बन जाने का मामला दर्ज कराया है। लविप्रा ने जांच में पाया कि वर्ष 1985 में अधिगृहित ढाई बीघे जमीन पर लल्ला, पीर मोहम्मद, खालिक, ताहिर और रमजान ने मिलकर अवैध रूप से बहुमंजिला कांप्लेक्स खड़ा कर लिया।

अब प्राधिकरण ने आरोपियों पर कई धाराओं में मामला दो अप्रैल को दर्ज कराया है। वहीं लविप्रा की जमीन पर बने बहुमंजिला अवध बाजार को गिराने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। विशेष कार्याधिकारी अमित राठौर ने बताया कि अर्जित जमीन पर अवध बाजार पूरी तरह से अवैध है। यह मामला लविप्रा के संज्ञान में स्थानीय किसान लेकर आए थे। मामले की जांच सचिव पवन कुमार गंगवार ने दिए थे।

लविप्रा की टीम ने पाया कि कुछ जमीन कब्रिस्तान और धार्मिंक स्थल के लिए छोड़ी गई थी। वहीं बाकी जमीन सीतापुर रोड योजना नगर प्रसार योजना के अंतर्गत अधिगृहित की गई थी। जमीन पर कब्जा होने के बाद लविप्रा ने जांच कराई तो मामला सही पाया गया। सचिव पवन कुमार गंगवार जमीन को मुक्त कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे।

इसी क्रम में लविप्रा के विहित प्राधिकारी ने अवध बाजार बनाने वाले लोगों को सुनवाई का पूरा समय दिया, लेकिन कोई ऐसे तथ्य प्रस्तुत नहीं किए जा सके, जिससे जमीन कांप्लेक्स बनाने वालों की प्रतीत हो। लविप्रा के कर्मचारी मनोज कुमार भारती द्वारा मामला विकास नगर थाने में दर्ज कराया गया है। जांच में पाया गया कि जमीन पर कब्जा करके बहुमंजिला कांप्लेक्स खड़ा कर लिया गया।

आंख मूंदकर खरीद ली कई दुकानेंः अवध बाजार पूरी तरह से अवैध बनकर तैयार हुआ। खासबात है कि यहां लोगों ने लविप्रा से जानने और समझने की जरूरत नहीं समझी और आंख मूंदकर अवध बाजार में बनी दुकानें खरीद ली। यही नहीं खरीददारों ने यह भी पता नहीं किया कि लविप्रा से अवध बाजार का नक्शा पास है या नहीं।

एलडीए अभियंता जिम्मेदारः अवध बाजार को खड़ा करवाने में तत्कालीन अधिशासी अभियंता से लेकर सुपरवाइजर तक जिम्मेदार है। सूत्रों के मुताबिक लविप्रा की जमीन पर अवैध रूप से बहुमंजिला इमारत खड़ी करवाने में अभियंता भी पूरी तरह से दोषी है। क्या लविप्रा अभियंता से लेकर सुपरवाइजर पर कार्रवाई करेगा ?

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