ISI के जासूसों के लिए फंड एकत्र करने वाले को एटीएस ने दबोचा, सेना की गोपनीय जानकारी देने के मामले में था फरार

पाकिस्तानी एजेंसी आइएसआइ के हैंडलर्स को भारतीय सेना की गोपनीय जानकारी देने वाले एजेंटों के लिए फंड एकत्र करने वाले एक आरोपित को एटीएस ने संत कबीर नगर के रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित की पहचान वार्ड नंबर एक निवासी जौकटिया पश्चिमी चंपारण बिहार के जियाउल हक पुत्र शेख फकरे आलम के रूप में हुई है। उसके ऊपर 50000 रुपये का पुरस्कार घोषित था।

By Manoj Kumar Tripathi Edited By: Abhishek Pandey Publish:Sun, 05 May 2024 09:56 AM (IST) Updated:Sun, 05 May 2024 09:56 AM (IST)
ISI के जासूसों के लिए फंड एकत्र करने वाले को एटीएस ने दबोचा, सेना की गोपनीय जानकारी देने के मामले में था फरार
आइएसआइ के जासूसों के लिए फंड एकत्र करने वाले को एटीएस ने दबोचा

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पाकिस्तानी एजेंसी आइएसआइ के हैंडलर्स को भारतीय सेना की गोपनीय जानकारी देने वाले एजेंटों के लिए फंड एकत्र करने वाले एक आरोपित को एटीएस ने संत कबीर नगर के रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित की पहचान वार्ड नंबर एक निवासी जौकटिया, पश्चिमी चंपारण बिहार के जियाउल हक पुत्र शेख फकरे आलम के रूप में हुई है। उसके ऊपर 50,000 रुपये का पुरस्कार घोषित था।

एटीएस के प्रवक्ता ने बताया कि आइएसआइ को सेना की गोपनीय जानकारी उपलब्ध करवाने के आरोप में 26 नवंबर 2023 को गाजियाबाद से अमृपाल सिंह उर्फ अमृत गिल तथा रामपुर से इजहारुल हुसैैन को गिरफ्तार किया गया था। इनसे पूछताछ के बाद रियाजुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था। यह सभी सेना की गोपनीय जानकारी आइएसआइ को देते थे।

गोमती नगर थाने में दर्ज कराई गई थी एफआईआर

एटीएस ने लखनऊ के गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कर आगे की जांच शुरू की थी। जांच में निकला था कि रियाजुद्दीन आइएसआइ के हैंडलर्स के सीधे संपर्क में था और भारत के धार्मिक स्थलों व सेना की गोपनीय जानकारी उन्हें देता था। रियाजुद्दीन के बैंक खातों में 70 लाख रुपये भेजे गए थे। वह अपना बैंक खाता बिहार के इजहारुन हुसैन के नाम से चलाता था।

इसी कडी में एटीएस को जियाउल के बारे में पता चला तो उसकी जांच की गई। जियाउल नेपाल के सिम के जरिए व्हाट्स एप को आपरेट करके आइएसआइ हैंडलर्स से बात करता था। साथ ही आइएसआइ से फंड एकत्र करके आइएसआइ के लिए जासूसी करने वालों को धन उपलब्ध करवाता था। आइएसआइ से फंड मंगवाने के लिए जियाउल अलग-अलग लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल करता था। उसके पास से दो मोबाइल भी बरामद हुए हैं।

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