Weather : अप्रैल ने कराया ठंड का एहसास, दो दिन और बारिश के आसार

Weather रविवार शाम ली मौसम ने करवट तापमान धड़ाम गर्मी के तेवर ढीले। राजधानी में अधिकतम 34 और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस पारा आद्रता 83 फीसद।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Mon, 27 Apr 2020 02:00 PM (IST) Updated:Mon, 27 Apr 2020 02:00 PM (IST)
Weather : अप्रैल ने कराया ठंड का एहसास, दो दिन और बारिश के आसार
Weather : अप्रैल ने कराया ठंड का एहसास, दो दिन और बारिश के आसार

लखनऊ, जेएनएन। Weather : कोरोना कहर के बीच प्राकृति भी अपने रंग दिखा रही है। बूंदाबांदी के आसार पहले से थे मगर, रविवार को एकाएक मौसम की करवट ने माहौल पूरी तरह बदल डाला। आंधी और तेज बारिश होने के चलते गर्मी में ठंड का एहसास होने लगा। राजधानी में अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से 5.2 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया। जबकि न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य रहा। आद्रता 83 फीसद रही। अगले दो दिन और बारिश के आसार बने हुए हैं। 

लॉकडाउन के चलते अप्रैल का मौसम अन्य वर्षों की अपेक्षा खुशगवार बना हुआ था। तापमान की तेजी चुभने वाली नहीं थी। हां, दिन में सूरज कुछ-कुछ आंखें दिखाने लगा था। इस बीच मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया था कि हालात करवट लेंगे। बारिश होगी। रविवार को यह अनुमान सही साबित हुआ। शाम के वक्त तेजी आंधी के साथ जमकर पानी बरसा। 

अधिकांश गेहूं घरों तक पहुंचा, कुछ में नुकसान के आसार 

बारिश का असर देहात क्षेत्र में भी देखा गया। हालांकि, अधिकांश जगह गेहूं की कटाई और मड़ाई का काम पूरा हो चुका है। गोसाईगंज, माल, बख्शी का तालाब में हल्की बारिश से 10 से 15 फीसद बची गेहूं की फसल प्रभावित होने के आसार हैं। साथ ही खेतों में पड़ा भूसा भी उड़ गया और भीगने से खराब हुआ है। कुछ जगह कटाई-मड़ाई रुक गई है। 

बागवान बोले, बारिश वरदान 

मलिहाबाद में आंधी बारिश से जहां आम गिरा लेकिन, बागवानों ने बदले मौसम को वरदान बताया। उप कृषि निदेशक डॉ.सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि मलिहाबाद में आंधी के साथ बारिश हुई है। बागवानों ने आम झडऩे से पांच फीसद के नुकसान की बात कही है। बागवान अरुण प्रताप व आनंद यादव ने बताया कि बदले मौसम से दशहरी का स्वाद बढिय़ा हो जाएगा। आम का रंग भी चटक होगा। काकोरी, माल, गोसाईगंज और बख्शी का तालाब में भी आंधी से कुछ आम गिरा है। 

यह होगा फायदा 

बारिश से खाली खेतों में नमी बढ़ गई है। ऐसे में किसान ढैंचे की बुआई करके हरी खाद बना सकते हैं। धान की रोपाई से पहले खेत में ही ढैंचे की जोताई उपज बढिय़ा होगी। 

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