अब बूथ-बूथ जाकर सरकार सुनेगी जनता के मन की बातः घोषणा पत्र में भी मिलेगी जगह

मोदी के मनमोहक बजट के बाद चौतरफा फीलगुड का माहौल है। सरकार से लोगों की उम्मीदें बढ़ीं हैं। ऐसे में लोग सरकार की सुनने के मूड में होंगे।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Sat, 02 Feb 2019 07:42 PM (IST) Updated:Sat, 02 Feb 2019 07:42 PM (IST)
अब बूथ-बूथ जाकर सरकार सुनेगी जनता के मन की बातः घोषणा पत्र में भी मिलेगी जगह
अब बूथ-बूथ जाकर सरकार सुनेगी जनता के मन की बातः घोषणा पत्र में भी मिलेगी जगह

लखनऊ, जेएनएन। मोदी के मनमोहक बजट के बाद चौतरफा फीलगुड का माहौल है। सरकार से लोगों की उम्मीदें बढ़ीं हैं। ऐसे में लोग सरकार की सुनने के मूड में होंगे। लिहाजा चुनाव पूर्व उपलब्धियों को गिनाने का यह बेहतरीन मौका है। सरकार इसे करने जा रही है। अब सिर्फ 'मोदी के मन की बात' नहीं, 'जनता के मन की भी बात' होगी। सरकार और संगठन न केवल बात सुनेंगे, बल्कि गुनेंगे और कुछ सुझावों को चुनावी घोषणापत्र में भी शामिल करेंगे।

चार को योगी करेंगे शुरुआत

चार फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां राजधानी से और प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से इसकी शुरुआत करेंगे। शुरुआत 20 वैन से होगी। बाद में हर लोकसभा क्षेत्र में एक-एक वैन चुनाव तक चलेगी। वैन में अलग-अलग वर्गों के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं, उनके तहत किये गये कार्य, लाभार्थियों की संख्या आदि के बारे में पत्रक रहेंगे। इस दौरान होने वाली नुक्कड़ सभाओं में संबंधित वर्ग को उसी से संबंधित योजनाओं का पत्रक दिये जाएंगे।

जनहितकारी काम गिनाएंगे

सभाओं में लोगों को केंद्र और प्रदेश सरकार के जनहित के काम गिनाएंगे। आडियो-वीडियो के जरिये यह भी दिखलाएंगे कि किस उज्जवला, सौभाग्य, किसान कर्जमाफी और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं से लोगों की जिंदगियों में बदलाव आया है। केंद्र और प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को दिखाने और सुनाने के लिए ऑडियो-विजुअल की व्यवस्था होगी। हर वैन में पार्टी का एक वालंटियर होगा। जिस बूथ पर यह वैन जाएगी वहां के बूथ अध्यक्ष के अलावा नुक्कड़ सभाओं के जरिये सरकार की बात रखने के लिए पार्टी का कोई न कोई पदाधिकारी भी होगा।

पोस्टकार्ड पर दे सकेंगे अपनी राय

लोगों का सरकार के काम-काज के प्रति क्या धारणा है? किसी विशेष योजना को और बेहतर बनाने के लिए उनका क्या सुझाव है? इसके लिए वैन पर पता लिखा पोस्टकार्ड उपलब्ध होगा। उप्र के लिए करीब एक करोड़ पोस्टकार्ड की व्यवस्था है। जरूरत पडऩे पर इनकी संख्या बढ़ायी जा सकती है। लोग इस पर अपनी बात लिखकर वैन पर ही उपलब्ध पेटिका में डाल सकेंगे। अगर किसी को सोच-समझकर लिखना है तो इसकी व्यवस्था होगी। बूथ के किसी समान विचार धारा वाली दुकान या सार्वजनिक स्थल पर जरूरत के अनुसार पोस्टकार्ड रख दिये जाएंगे। इच्छुक व्यक्ति बाद में भी अपने सुझाव लिखकर पोस्ट कर सकता है।

हो चुकी उप्र के मन की बात

दरअसल 2017 के विधानसभा चुनाव में सरकार 'उप्र के मन की बात' नाम से इस अभियान का भाजपा सफलता से चला चुकी है। उस दौरान करीब 36 लाख लोगों के फीडबैक मिले थे। किसान कर्ज माफी जैसे कुछ कामन फीडबैक को सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया था। चूंकि इस बार लोकसभा चुनाव है। लिहाजा कार्यक्रम का नाम 'भारत के मन की बात' रखा गया है।

chat bot
आपका साथी