इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ई-मेल के जरिये दाखिल अर्जियों पर की सुनवाई, छह लोगों की जमानत मंजूर

कोरोना वायरस संक्रमण से लागू लॉकडाउन के दौरान ई-मेल के जरिये दाखिल की गई जमानत और अग्रिम जमानत अर्जियों पर मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर ने सुनवाई की।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 01 Apr 2020 07:17 PM (IST) Updated:Wed, 01 Apr 2020 07:17 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ई-मेल के जरिये दाखिल अर्जियों पर की सुनवाई, छह लोगों की जमानत मंजूर
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ई-मेल के जरिये दाखिल अर्जियों पर की सुनवाई, छह लोगों की जमानत मंजूर

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने छह लोगों की जमानत मंजूर कर ली है। इनमें दो अग्रिम जमानत अर्जियां भी थीं। कोरोना वायरस संक्रमण से लागू लॉकडाउन के दौरान ई-मेल के जरिये दाखिल की गई जमानत और अग्रिम जमानत अर्जियों पर मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर ने सुनवाई की। उत्तर प्रदेश सरकार से उसका पक्ष भी ई-मेल के जरिये ही लिया गया। साथ ही आवश्यकता को देखते हुए आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया।

हाई कोर्ट ने कौशांबी जिला के मंझनपुर थाना में दर्ज धोखाधड़ी के मुकदमे में रामनिवास, उधोचंद्र और योगेश चंद्र की जमानत को मंजूर कर लिया। इन सभी को वर्ष 2003 में दर्ज कराए गए मुकदमे के सिलसिले में गिरफ्तार कर जेल में बंद किया गया था। इनकी ओर से हाई कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल कर कहा गया कि याची जेल में हैं, इसलिए उनकी अर्जी पर तत्काल सुनवाई करने की आवश्यकता है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद तीनों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।

वहीं, कोर्ट ने कन्नौज के सुभाष शुक्ल को भी जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। सुभाष आत्महत्या के लिए उकसाने के मुकदमे में अदालत द्वारा 319 सीआरपीसी के तहत तलब किए जाने के बाद से जेल में है। ई-मेल के जरिए दाखिल अर्जी पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर ने उनकी जमानत मंजूर कर ली है।

इसी प्रकार कोर्ट ने कानपुर के चौबेपुर थाना में दर्ज मुकदमे में सौरभ शिवहरे और समीर शिवहरे की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। अग्रिम जमानत अर्जी की सुनवाई के लिए 20 अप्रैल की तारीख तय की है। इन दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा 25 मार्च 2020 को दर्ज किया गया। ई-मेल के जरिए मांगी गई जानकारी पर प्रदेश सरकार की ओर से बताया गया कि मुकदमा अभी आरंभिक जांच के स्तर पर है।

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