25 करोड़ से अधिक पौधारोपण के बाद एक और अनोखा विश्व कीर्तिमान बनाने जा रहा उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश मात्र एक घंटे के भीतर आठ जिलों में जैवविविधता पर आधारित सर्वाधिक प्रजाति के पौधे रोपित कर दुनिया के नक्शे पर छाने की तैयारी कर रहा है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 24 Jul 2020 03:34 PM (IST) Updated:Sat, 25 Jul 2020 06:08 AM (IST)
25 करोड़ से अधिक पौधारोपण के बाद एक और अनोखा विश्व कीर्तिमान बनाने जा रहा उत्तर प्रदेश
25 करोड़ से अधिक पौधारोपण के बाद एक और अनोखा विश्व कीर्तिमान बनाने जा रहा उत्तर प्रदेश

लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। तारीख 28 जुलाई, दिन मंगलवार, समय सुबह 10 से 11 बजे के बीच उत्तर प्रदेश पौधारोपण का अनोखा विश्व रिकॉर्ड अपने नाम करेगा। एक दिन में 25 करोड़ से अधिक पौधारोपण की सफलता के बाद अब यूपी मात्र एक घंटे के भीतर आठ जिलों में जैवविविधता पर आधारित सर्वाधिक प्रजाति के पौधे रोपित कर दुनिया के नक्शे पर छाने की तैयारी कर रहा है। यह ऐसा विश्व रिकॉर्ड है जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने पहली बार अपनी कैटेगरी में शामिल किया है। यूपी इस रिकॉर्ड को अपने नाम दर्ज कर हमेशा के लिए प्रथम विजेता बनने का गौरव हासिल कर लेगा। 

जैवविविधता पर आधारित सर्वाधिक प्रजाति के पौधे रोपित कर विश्व रिकॉर्ड को बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण विभाग ने जिन आठ जिलों को चुना है उनमें लखनऊ, सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, बांदा तथा चित्रकूट हैं। आठों जिलों में एक-एक स्थान को चिह्नित कर वहां एक साथ 240 प्रजातियों के पौधे रोपित कर विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा। प्रत्येक स्थल पर 30 प्रजातियों के 12-12 पौधे यानी एक स्थल पर 360 पौधे लगाए जाएंगे। आठों स्थलों में कुल 2880 पौधे एक साथ रोपे जाएंगे। हर जगह पौधारोपण के लिए केवल 15 लोगों की टीम तैनात रहेगी।

टीम के प्रत्येक सदस्य को 24-24 पौधे तय समय के भीतर लगाने होंगे। इसमें गड्ढा खोदने से लेकर, पौधारोपण करने के बाद पानी भी डालना है। खास बात यह है कि प्रत्येक पौधारोपण के स्थान पर एक तख्ती भी लगाई जाएगी, जिसमें पौधों का पूरा विवरण दर्ज होगा। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने के लिए प्रत्येक स्थल पर पौधा लगाने के साथ ही 15 लोगों की दूसरी टीम भी होगी। यह टीम पौधा लगाते समय की फोटो खींचेगी। यानी प्रत्येक स्थल पर 15 लोग पौधे लगाने के लिए व 15 लोग फोटोग्राफी के लिए रहेंगे। इसके अलावा परिसर में कोई भी नहीं रहेगा। रिकॉर्ड बनने के बाद प्रदेश सरकार इन आठों स्थानों को गिनीज बुक जैवविविधता साइट के रूप में विकसित करेगी।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष राजीव कुमार गर्ग ने बताया कि यूं तो रिकॉर्ड के लिए प्रत्येक स्थल पर प्रत्येक प्रजाति के 10-10 पौधे लगाने की ही अनिवार्यता है, लेकिन हम लोग सावधानी बरतते हुए प्रत्येक प्रजाति के 12-12 पौधे रोपित करेंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि कोई पौधा मरने पर हम विश्व रिकॉर्ड के लिए अयोग्य न हो जाएं। कोरोना संक्रमण के कारण शारीरिक दूरी का पालन करते हुए यह रिकॉर्ड हम बनाएंगे।

प्रत्येक पौधे का चार चरणों में फोटो अनिवार्य : विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए पौधारोपण के समय प्रत्येक पौधे का चार चरणों में फोटो लेना अनिवार्य है। पहला फोटो गड्ढा खुदान से पहले लेना होगा। दूसरा फोटा गड्ढा खुदान के बाद, तीसरा फोटो पौधा लगाते समय व चौथा फोटो पौधा लग जाने के बाद का होना जरूरी है।

एक दिन में रोपे 25.87 करोड़ पौधे : उत्तर प्रदेश में हरियाली की चादर फैलाने की कोशिश के तहत पांच जुलाई, 2020 को भी एक नया कीर्तिमान बनाया गया था। जनसहभागिता की मदद से योगी सरकार ने एक दिन में तय लक्ष्य से अधिक 25 करोड़ 87 लाख 47 हजार 661 करोड़ पौधे रोपे। यह लक्ष्य का 103.48 प्रतिशत है। पौधारोपण कार्यक्रम के तहत जिलों में पंचवटी, हरिशंकरी, व नक्षत्र वाटिका की स्थापना की गई। गंगा के किनारे बसे 27 जिलों में नदी के दोनों ओर 10 किलोमीटर तक के तटवर्ती क्षेत्र में 6000 हेक्टेयर क्षेत्र में 67 लाख पौधे रोपे गए। वहीं गंगा और यमुना की 40 से अधिक सहायक नदियों के तटों के दोनों ओर तकरीबन 21000 हेक्टेयर में 1.5 करोड़ पौधे लगाए गए हैं। नौ अगस्त, 2019 को भी प्रदेश में एक ही दिन 22.6 करोड़ पौधे रोपे गए थे जो विश्व कीर्तिमान था।

अब तक चार रिकॉर्ड हो चुके हैं दर्ज 1. 31 जुलाई 2007 : एक दिन में एक करोड़ पौधारोपण 2. सात नवंबर 2015 : दस स्थानों पर आठ घंटे में 10 लाख से अधिक पौधों का वितरण 3. 11-12 जुलाई 2016 : चौबीस घंटे में 5.041 करोड़ पौधारोपण 4, नौ अगस्त 2019 : प्रयागराज में सर्वाधिक पौधों का वितरण

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