लखनऊ का एक पार्क ऐसा जो बताता है तुलसी की गुणवत्ता, बच्‍चों को द‍िया जाता है प्रकृत‍ि का ज्ञान

Tulsi park in Lucknow चंदन के पेड़ों के साथ ही पार्क में बच्चाें को खेलखेल में प्रकृति के बारे में बताया गया। आसपास के लोगों के साथ ही क्षेत्र के हर घर में तुलसी के पौधों का वितरण भी किया गया।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 31 Dec 2020 11:56 AM (IST) Updated:Thu, 31 Dec 2020 11:56 AM (IST)
लखनऊ का एक पार्क ऐसा जो बताता है तुलसी की गुणवत्ता, बच्‍चों को द‍िया जाता है प्रकृत‍ि का ज्ञान
आशियाना के द्विवेदी पार्क में स्थापित है तुलसी वाटिका, पौधाराेपण के साथ शुरू हुई पाठशाला।

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल में तुलसी की बढ़ी उपयोगिता से लोगाें में तुलसी के प्रति लगाव पैदा हुआ है। धार्मिक मान्यताओं के साथ औषधीय गुणों के बारे में जनमानस को बताने के लिए आशियाना का द्विवेदी पार्क तैयार है। यहां न केवल तुलसी की विविध प्रजातियां हैं बल्कि औषधीय पौधे भी अपनी छाप छोड़ते हैं। एक हजार से अधिक तुलसी के पौधों वाले पार्क में विदेशी तुलसी भी लगी है। गुरुवार को पौधारोपण के साथ ही पाठशाला की शुरुआत हुई।

चंदन के पेड़ों के साथ ही पार्क में बच्चाें को खेलखेल में प्रकृति के बारे में बताया गया। आसपास के लोगों के साथ ही क्षेत्र के हर घर में तुलसी के पौधों का वितरण भी किया गया। आशियाना परिवार के अध्यक्ष आरडी द्विवेदी ने बताया कि घर-घर तुलसी का अभियान भी चलाया जा रहा है। पार्क को तुलसी और औषधीय पार्क का स्वरूप दिया जा रहा है। पक्षियों के लिए घोसले भी बनाए गए हैं। करीब तीन दशक से आसपास के निवासियों और आशियाना परिवार की ओर से पार्क की देखभाल की जा रही है। तीन बार राजभवन की ओर से आयोजित प्रतियोगिता में भी यह पार्क अव्वल आ चुका है।

पर्यावरण अनुकूल वातावरण बनाने के लिए गुलाब वाटिका भी स्थापित है। शांति का एहसास कराने वाली वाटिका में पक्षियों का जमावड़ा भी लगा रहता है। बुजुर्गों और महिलाओं काे सुबह शाम टहलने में दिक्क्त न हो इसके लिए वॉकिंट पथ बनाया गया है। बच्चों में पर्यावरण के प्रति लगाव पैदा हो इसके लिए अवकाश के दिनों में पाठशाला लगती है। फलदार और छायादार पेड़ोें के साथ ही पौधों की देखभाल के लिए नागरिकों के सहयोग से माली की तैनाती भी की गई है।

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