अब जांची जाएगी पौधारोपण की जमीनी हकीकत
जिलों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने वाली खीरी के अधिकारियों की असली अग्नि परीक्षा अब प्रदेश सरकार की विशेष टीम के सामने होगी। यह टीम रेंडम चेकिग कर पौधारोपण की जमीनी हकीकत देखेगी।
लखीमपुर: पौधारोपण अभियान में 46 लाख पौधे लगाकर कई जिलों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने वाली खीरी में अब प्रदेश सरकार की विशेष टीम औचक जांच करेगी। इसके जरिए पौधारोपण की जमीनी हकीकत जांची जाएगी। सूचना के मुताबिक, इसके लिए शासन स्तर पर टीम भी गठित हो चुकी है।
नौ अगस्त को वन विभाग के साथ मिलकर पूरा जिला प्रशासन ने स्कूलों, अस्पतालों, पुलिस थानों, सरकारी जमीनों, ग्राम पंचायतों में 46 लाख पौधे लगाए थे। इसमें 16 लाख पौधे वन विभाग ने आरक्षित वन भूमि पर लगाया तो ग्राम्य विकास विभाग, मनरेगा, पंचायतीराज, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस समेत 29 विभागों ने 30 लाख पौधे लगवाए थे। अधिकारियों के मुताबिक टीम जांचेगी कि कितने पौधे लगे, कितने पौधे जिदा हैं और कितने पौधे देखभाल के अभाव में सूख गए। शासन ने फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया को तकनीकी तौर जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। सरकार की विशेष टीम की रेंडम चेकिग की खबर से यहां अधिकारियों में अफरा-तफरी मची हुई है।
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मॉडल के तौर पर विकसित होंगे दो गांव
पौधारोपण किस तरह कराया जाता है और पौधों की कैसे देखभाल की जाती है, ये बताने के लिए खीरी जिले के दो गांवों को मॉडल के तौर पर तैयार किया जाएगा। हालांकि, अभी इन गांवों का चयन नहीं हुआ है लेकिन, जल्द ही प्रक्रिया पूरी कर शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
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अगर जिले में पौधारोपण की नकारात्मक रिपोर्ट शासन को जाएगी तो उस पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तय है। फिलहाल पौधारोपण स्थलों की सूची शासन को उपलब्ध करा दी गई है। टीम इस सूची के हिसाब से ही रेंडम चेकिग करेगी।
समीर कुमार, डीएफओ