बाघों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि से बढ़ी दुधवा की शान

दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा व संरक्षण को लेकर सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 10:30 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 10:30 PM (IST)
बाघों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि से बढ़ी दुधवा की शान
बाघों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि से बढ़ी दुधवा की शान

लखीमपुर : दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा व संरक्षण को लेकर सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं। इस प्रयास का नतीजा भी सामने आने लगा है। दुधवा में वर्ष 2014 की गणना के अनुसार कुल 68 बाघ थे। बेहतर सुरक्षा व संरक्षण के कारण चार सालों यानी 2018 में इनकी संख्या बढ़कर 107 हो गई है। यह बढ़ोत्तरी लगभग 33 फीसद है जो किसी भी टाइगर रिजर्व के लिए फº करने वाली बात है। वर्ष 2018 के बाद भी बाघों की आबादी बढ़ रही है और अनुमान है कि इनकी संख्या और भी अधिक हो गई होगी। इनकी वास्तविक संख्या चार वर्ष बाद होने वाली 2022 की गणना के बाद ही पता चलेगी। दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। यह सब हो रहा है उनके बेहतर संरक्षण के कारण। टाइगर रिजर्व के तीनों डिवीजनों यानी दुधवा में 20, किशनपुर सेंचुरी में 33 और कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग बहराइच में 29 बाघों का बसेरा है। इसके अलावा 25 ऐसे बाघ चिन्हित हुए हैं जो पार्क एरिया के बफरजोन या किशनपुर सेंचुरी के समीपवर्ती गन्ने के खेतों में रहते हैं। जंगल से बाहर रहने वाले बाघों में सबसे ज्यादा 12 बाघ महेशपुर, गोला के सिकंदरपुरए उत्तर निघासन के मझरा पूरब और किशनपुर इलाके में घूम रहे हैं। दक्षिण खीरी वन प्रभाग में दो साल पहले कराए गए कैमरा ट्रैपिंग में एक भी बाघ नहीं मिला था। लगातार संरक्षण व संवर्धन के कारण दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ रही है। दुधवा पार्क के लिए यह बड़ी उपलब्धि

फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बाघों की संख्या में बढ़ोतरी को बड़ी उपलब्धि माना है। उन्होंने कहा कि पार्क कर्मियों की मेहनत व विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से हम बाघों के साथ तमाम वन्यजीवों का कुनबा बढ़ा पाने में सफल हुए हैं। यह निरंतरता बनी रहे इसके प्रयास किए जा रहे हैं।

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