'ईश्वर की भक्ति से बढ़कर कोई सुख नहीं'

हरिकृष्ण नाम संकीर्तन के अंतिम दिन वृंदावन से आए संत अपूर्व गोपालदास ने रामचरित मानस और श्रीकृष्ण का जीवन दर्शन बताया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 11:00 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 11:00 PM (IST)
'ईश्वर की भक्ति से बढ़कर कोई सुख नहीं'
'ईश्वर की भक्ति से बढ़कर कोई सुख नहीं'

लखीमपुर: हरिकृष्ण नाम संकीर्तन के अंतिम दिन वृंदावन से आए संत अपूर्व गोपालदास ने रामचरित मानस और श्रीकृष्ण के जीवन दर्शन का वर्णन कर भक्तों को भक्ति सागर में डुबो दिया।

पूर्वी लखपेड़ा निवासी अमित भसीन के आवास पर संत अपूर्व ने कहा कि पतन के पूर्व व्यक्ति को अहंकार आता है, यदि अहंकार आ गया तो पतन निश्चित है। धर्म ही व्यक्ति को पतन के मार्ग से बचा सकता है। उन्होंने कहा कि हम ईश्वर की शरण में केवल संकट के समय एक व्यापारी की तरह जाते हैं। ईश्वर तो सर्वव्यापक आत्माराम है। वह आपसे किसी चीज की याचना नहीं करता। आज व्यक्ति ईश्वरीय कार्य भय, इच्छा या कर्तव्य समझकर करता है लेकिन, प्रेम के वशीभूत होकर नहीं करता। उन्होंने प्रेम की पराकाष्टा का वर्णन भक्त प्रहलाद और भरत चरित्र सुनाकर किया। संत ने धर्म को परिभाषित कर कहा कि जैसे अग्नि का धर्म उसका तेज है। पानी का धर्म तरलता है। उसी प्रकार धर्म व्यक्ति का चरित्र है। उन्होंने धर्म, संप्रदाय, देश में बढ़ती असहिष्णुता, धार्मिक उन्माद आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की।

कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से हमारी धार्मिक प्रकृति में बदलाव आया है। उन्होंने हरे राम हरे कृष्ण के मंत्र का प्रतिदिन जाप करने की अपील की। इससे पूर्व उन्होंने हरिनाम संकीर्तन के मंत्र जाप के साथ सभी भक्तों से दीप दान भी कराया। प्रसाद वितरण कर कथा का समापन हुआ।

बकाया भुगतान व केंद्रों पर मनमानी रोकने के लिए सौंपा ज्ञापन पलिया कलां में भारतीय अपना दल ने मुख्यमंत्री को संबोधित छह सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम डॉ. अमरेश कुमार को दिया है। जिसमें बकाया गन्ना भुगतान व धान खरीद केंद्रों पर मनमानी रोके जाने समेत अन्य मांगे शामिल हैं। इस दौरान सुरेश चंद्र शाह, सुरेश कुमार आरक, चंदर, विजय कुमारी, हनुआ, रामकली, शारदा देवी, कुसुमा, ओमवती, सिरिया, टन्नू समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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