दारू की बोतल क्यों लाए, लेकर आते मूंगफली ..

फोटो : 1 ववववववववववववववववववववववववववववववववववववव

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 11:21 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 11:21 PM (IST)
दारू की बोतल क्यों लाए, लेकर आते मूंगफली ..
दारू की बोतल क्यों लाए, लेकर आते मूंगफली ..

लखीमपुर) : नगर की साहित्यिक संस्था 'प्रज्ञालोक सृजन संस्थान' द्वारा संस्था के पूर्व अध्यक्ष 'स्व. लक्ष्मण ¨सह नवरंग' की स्मृति में कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेश के कई कवियों को आमंत्रित किया गया तथा मोहम्मदी के कवियों ने भी काव्य पाठ कर खूब तालियां बटोरीं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष संदीप मेहरोत्रा व संरक्षक ओम नीरव रहे। नगर के युवा कवि सुमित भारद्वाज ने अपनी कविता से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संस्था के संस्थापक ओम नीरव ने पढ़ा दारू की बोतल क्यों लाये, लेकर आते मूंगफली, आस लगाए बैठे बच्चे छीन चबाते मूंगफली। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्रीकांत निश्छल ने पढ़ा बढ़ गयी हलचल अचानक गांव में, हो रही अनुभूति शीतल छांव में। लखीमपुर से आये फारुख सरल ने पढ़ा सुखों की इन्तहां भी है। दुखों की हद नहीं कोई, मोहब्बत करने वालों के लिए सरहद नहीं कोई। शाहाबाद से आये राधे श्यामत्रिपाठी ने कहा सारे प्रश्नों के हल नहीं होते, हर समय सुख के पल नहीं होते। नगर के कवि कमलेश शुक्ल ने कहा कितने भक्त शहीद हो गए शासन की नादानी में, देश पड़ा है हैरानी में। नगर कवि राकेश मिश्र ने पढ़ा लेखनी की नोक पड़ती है जिस पृष्ठ पर, मातु शारदे का दरबार बन जाता है। राज किशोर मिश्रा ने पढ़ा बादलों का क्या भरोसा, पागलों का क्या भरोसा, कब कहाँ क्या क्या करें ये, मनचलों का क्या भरोसा। नगर के युवा कवि राघव शुक्ला ने कहा कि मैं रामचरित मानस पुनीत तुम राघव का यशगान बनो, मैं करूँ तुम्हारा नामकरण तुम ही मेरी पहचान बनो। आराध्य त्रिपाठी ने कहा कि जिला शहर तहसील मोहल्ले सब बदलेंगे नेता जी, असली हिन्दू होने का मतलब बदलेंगे नेता।

chat bot
आपका साथी