दावेदारों को सता रहा टिकट न मिलने का खौफ

शफीउद्दीन अंसारी फरधान (लखीमपुर) विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही ह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Jan 2022 09:54 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jan 2022 09:54 PM (IST)
दावेदारों को सता रहा टिकट न मिलने का खौफ
दावेदारों को सता रहा टिकट न मिलने का खौफ

शफीउद्दीन अंसारी, फरधान (लखीमपुर): विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ती जा रही है। प्रत्याशियों के साथ ही जनता भी कशमकश में दिख रही है। हर विधानसभा में एक-एक पार्टी से कई-कई प्रत्याशी मैदान में अपना-अपना दावा ठोक रहे हैं। हर प्रत्याशी अपनी-अपनी दावेदारी के लिए तरह-तरह के आंकड़े बता रहा है। कौन सी पार्टी किस प्रत्याशी पर दांव आजमाएगी यह तो बाद की बात है फिलहाल अभी हर प्रत्याशी खुद को ही टिकट मिलने का दावा कर रहा है। यह बात अलग है कि अंदर खाने में टिकट न मिलने का खौफ लगभग सभी के दिल में बसा हुआ है। एक पार्टी से दूसरी पार्टी में आने-जाने वाले नेताओं ने इस खौफ की स्थिति को और बढ़ा दी है। दूसरी पार्टियों से आए लोगों को मनाने के लिए पार्टियां पहले से मौजूद प्रत्याशियों के टिकट किस हद तक काट दें यह बात भी किसी से छिपी नहीं है। मौजूदा समय में जीते हुए विधायक भी अपने-अपने टिकट बचाने की जुगत में लगे हुए हैं उनको भी टिकट कटने का खौफ उतना ही है जितना पहली बार टिकट की होड़ में दौड़ रहे प्रत्याशियों को है। विधानसभा श्रीनगर में भाजपा से मौजूदा विधायक मंजू त्यागी के अलावा शशि बाला भारती के बेटे अभिनव भारती जहां अपनी पुश्तैनी पकड़ के बूते अपना दावा मजबूत बता रहे हैं। वहीं अनिल गौतम अपनी ऊंची पहुंच को लेकर दावा ठोक रहे हैं। इसके अलावा प्रशांत राजवंश, गंगाराम गौतम सहित कई प्रत्याशी टिकट पाने की जुगत में दिन रात एक किए हुए हैं। वहीं सपा में पूर्व विधायक रामसरन, पूर्व प्रत्याशी मीरा बानो, हाल ही में बसपा से सपा में आई पूर्व बसपा विधायक राजेश गौतम की पत्नी रामरति गौतम, 2017 के चुनाव में बसपा से चुनाव लड़े प्रवीण भार्गव आदि कई प्रत्याशी साइकिल पर सवार होकर चुनाव लड़ने के लिए बेताब हैं। इन संभावित प्रत्याशियों के सामने उस समय असमंजस की स्थिति और बढ़ जाती है जब मतदाता इनसे टिकट कंफर्म होने की बात पूछते हैं। मतदाताओं को संतुष्ट करने के लिए भले ही अपनी दावेदारी मजबूत बताकर आगे बढ़ जाते हैं लेकिन, अंदर खाने टिकट कटने का खौफ सभी को सता रहा है। दावेदार की तो बात अलग है शायद टिकट देने वाले भी राजनीतिक उठापटक के चलते यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि वह किस पर दांव आजमाएंगे। इसी वजह से किसी भी पार्टी ने श्रीनगर विधानसभा में किसी का टिकट फाइनल नहीं किया है।

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