अगर है कुछ 'खास' तो भारत सरकार चमकाएगी आपका गांव

-हर गांव में चल रहा कल्चर सर्वे मेरा गांव मेरी धरोहर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 May 2022 01:33 AM (IST) Updated:Tue, 17 May 2022 01:33 AM (IST)
अगर है कुछ 'खास' तो भारत सरकार चमकाएगी आपका गांव
अगर है कुछ 'खास' तो भारत सरकार चमकाएगी आपका गांव

लखीमपुर (दीपेंद्र मिश्र) : संस्कृति मंत्रालय इन दिनों गांव की धरोहरों को संजोने के मिशन पर है। इन्हें एकत्र करने की जिम्मेदारी कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) को दी गई है। ग्राम स्तर पर वीएलई (विलेज लेबल इंटरप्रेन्योर) सर्वे के आधार पर डाटा बेस तैयार कर रहे हैं। यह काम 30 मई तक पूरा करना है।

विविधताओं से भरे हमारे देश में हर जगह की अपनी कुछ विशेषताएं हैं। मंत्रालय ने इन्हीं विशेषताओं को संजोने के लिए सांस्कृतिक सर्वेक्षण परियोजना (कल्चर सर्वे) शुरू की है। इसे नाम दिया गया है 'मेरा गांव, मेरी धरोहर।' साढ़े छह लाख गांवों में यह सर्वे चल रहा है।

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गांव का युवा ही करेगा अपने गांव का सर्वे

सीएससी के जिला समन्वयक पवन दीक्षित ने बताया कि खीरी में 1800 गांव हैं। इनमें दो हजार से ज्यादा सक्रिय वीएलई हैं। इस तरह हर वीएलई को अपने ही गांव का सर्वे कर उसे सामने लाने का मौका दिया गया है। गांव में कुछ खास है तो सरकार उसका संरक्षण करेगी। इसका सीधा फायदा गांव को मिलेगा। सीएससी अपने वीएलई को इस काम का पारिश्रमिक भी दे रहा है।

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नौ बिदु होंगे सर्वेक्षण का आधार

कल्चर सर्वे के लिए क्रमवार नौ बिदु तय किए गए हैं। पारंपरिक भोजन, पहनावा, गहने, कला व शिल्प, स्थानीय आस्था व मान्यता और धारणा। इसके अलावा प्राकृतिक और निर्मित विरासत, त्योहार और मेले, प्रसिद्ध व्यक्ति, प्रमुख कलाकार व कारीगर। इनके फोटो, वीडियो और विवरण के साथ गांव के पांच लोगों को भी शामिल किया जाएगा। यह गांव का कोई पुजारी, बुजुर्ग, शिक्षक, महिलाएं अथवा विभिन्न समुदाय व समूहों के लोग हो सकते हैं।

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नीचे से ही डिजिटल होकर पहुंचेगा डाटा

वीएलई से कहा गया है कि डायरी, पेंसिल, कैमरा और रिकार्डर के साथ सर्वेक्षण करें। इसके बाद सर्वेक्षण एप पर अपलोड कर दें। इस तरह किसी गलती की संभावना कम होगी और मंत्रालय को पूरी तरह डिजिटाइज डाटा भेजा जा सकेगा।

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