जगन्नाथ टांडा में शारदा का कहर जारी

पलियाकलां/भीरा (लखीमपुर) : ग्राम छंगा टांडा व जंगल नंबर सात का अस्तित्व समाप्त करने के बाद अ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Sep 2018 11:14 PM (IST) Updated:Sun, 23 Sep 2018 11:14 PM (IST)
जगन्नाथ टांडा में शारदा का कहर जारी
जगन्नाथ टांडा में शारदा का कहर जारी

पलियाकलां/भीरा (लखीमपुर) : ग्राम छंगा टांडा व जंगल नंबर सात का अस्तित्व समाप्त करने के बाद अब शारदा नदी ग्राम जगन्नाथ टांडा में कटान कर उसे भी अपने आगोश में शमा लेने को आतुर है।

क्षेत्र के ग्राम जगन्नाथ टांडा के पास शारदा नदी ने अब तक छह मकानों को काट कर अपने में समा लिया है। इसके बाद भी नदी तेजी से आगे बढ़ रही है] जिससे लोगों में भय समा गया है। ग्रामीण अपने मकानों को तोड़ने में लगे हैं और सुरक्षित स्थान की तलाश में भटक रहे है।

शारदा नदी इन ग्रामों के आसपास मौजूद हजारों एकड़ जमीन, जिसमें कल तक लहलहाती फसलें गन्ना, धान खड़ा था, काटकर उनका अस्तित्व समाप्त कर चुकी है। गांवों को बचाने के लिए शासन व प्रशासन ने अब तक कोई इंतजाम नहीं किया है। सरकार की ओर से बचे हुए ग्रामों की आबादी तथा जमीनों को बचाने का कोई ठोस प्रयास न किए जाने से ग्रामीण नाराज हैं। ग्रामीण रामप्रकाश, रामनरेश, खुशीराम सियाराम, प्रेम प्रकाश, रामपाल का कहना है कि यदि शारदा नदी से ग्राम ढकिया तक (लगभग 8 किलोमीटर) यदि नदी को गहरा कर दे तो यह क्षेत्र कटान और तबाही से बच सकता है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि वर्ष 1996 में सेना द्वारा एक सर्वे किया गया था जिसमें उसके द्वारा कहा गया था कि इस नदी को 1970 में जहां बह रही थी उस स्थान के आसपास गहरा करके ले जाया जाय तो कटान व बाढ़ से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाएगी। यह रिपोर्ट तब केंद्र सरकार को भेजी भी गई थी, लेकिन राजनीतिक अड़ंगेबाजी के कारण योजना को मूर्तरूप नही दिया जा सका। नदी अब तक भीरा क्षेत्र में पिपरिया गांव से लेकर छंगा टांडा, जंगल नंबर 7 तक लगभग 15 किलोमीटर की चौड़ाई में बह रही है। नदी तेजी से ग्राम जगन्नाथटांडा में कटान कर रही है और जिस गति वह काट रही है उससे लगता है कि अब आने वाले दिनों में नजदीकी गांव प्रताप टांडा को भी यह अपने आगोश में लेने में देर नहीं लगाएगी।

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