पांच हजार रुपये दो नहीं तो जुर्माना भरो या जेल की हवा खाओ

संवादसूत्र चंदनचौकी (लखीमपुर) एक बहुत पहले टीवी सीरियल ऑफिस-ऑफिस आता था। उसमें सरकारी महकमों में कामधाम करवाने को लेकर आम आदमी की परेशानी को बखूबी व्यंग्य के जरिए दर्शाया जाता था और ठीक उसी तरह की घटना ने एक बार सीरियल की याद को ताजा कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Nov 2019 09:27 PM (IST) Updated:Sun, 17 Nov 2019 09:27 PM (IST)
पांच हजार रुपये दो नहीं तो जुर्माना भरो या जेल की हवा खाओ
पांच हजार रुपये दो नहीं तो जुर्माना भरो या जेल की हवा खाओ

लखीमपुर: एक बहुत पहले टीवी सीरियल ऑफिस-ऑफिस आता था। उसमें सरकारी महकमों में कामधाम करवाने को लेकर आम आदमी की परेशानी को बखूबी व्यंग्य के जरिए दर्शाया जाता था और ठीक उसी तरह की घटना ने एक बार सीरियल की याद को ताजा कर दिया है।

दरअसल हुआ ये एक बाइक से दो लोग अपने को कृषि विभाग का बताते थारू गांव सूरमा पहुंचे और सरकारी आदेशों का हवाला देकर किसान को हड़काकर बोले! तुमने पराली जलाई है या तो पांच हजार रुपये दो नहीं तो फिर तीन महीने जेल की हवा खाने के साथ-साथ जुर्माना भी भरना पड़ेगा। इससे बढि़या है यही मामला निपटा दो। नहीं तो बड़े साहब जीप से आते होंगे। यदि खर्चा-पानी हमें दे दोगे तो हम बचने का उपाय बता देंगे। पराली को चकरोड पर एकत्र करो आग लगा दो हम बड़े साहब से बोल देंगे कोई आग ताप रहा था बात खत्म हो जाएगी। इस बातों से किसान भजनलाल डर गया और पांच हजार तो नहीं, लेकिन जेब में पंद्रह सौ रुपये जेल और जुर्माना के भय से उन बाइक सवारों को थमा दिए और अपना नाम कटवाने की मिन्नत करते हुए गांव चला गया। वहां पहुंचकर अन्य लोगों को पूरी बात बताई। जिसपर तमाम लोग खेत की ओर गए, लेकिन तब तक वो दोनों रफूचक्कर हो गए थे। हालांकि भजन लाल ने बताया उसने जहां पर धान का पैरा एकत्र किया था वहां कूड़ा करकट होने के कारण जोताई में दिक्कत हो रही थी। वहीं जरा सा जलाया था ताकि जोताई हो सके।

chat bot
आपका साथी