वर्षा तथा लोक कल्याण की खातिर लखीमपुर में बाबा लखन दास का अनोखा तप

लखीमपुर खीरी में भी करीब सौ वर्ष के बाबा लखनदास भी भयंकर गर्मी तथा अन्य संकट से निजात दिलाने के लिए लोक कल्याण कारी तपस्या कर रहे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 17 Jun 2019 10:44 AM (IST) Updated:Mon, 17 Jun 2019 11:41 AM (IST)
वर्षा तथा लोक कल्याण की खातिर लखीमपुर में बाबा लखन दास का अनोखा तप
वर्षा तथा लोक कल्याण की खातिर लखीमपुर में बाबा लखन दास का अनोखा तप

लखीमपुर [विकास सहाय]। हमारे शास्त्रों में संसार के कल्याण के लिए तप का विशेष महत्व बताया गया है। महान ग्रंथ श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास ने भी तपस्या का महत्व समझाते हुए तप अधार सब सृष्टि भवानी (हे भवानी सृष्टि का आधार तप है), या तपु सुखप्रद दुख दोस नसावा(तपस्या सुख देने वाली दुख दोष का नाश करने वाली) कह कर तपस्या को लोक कल्याणकारी बताया है।

लखीमपुर खीरी में भी करीब सौ वर्ष के बाबा लखनदास भी भयंकर गर्मी तथा अन्य संकट से निजात दिलाने के लिए लोक कल्याण कारी तपस्या कर रहे हैं। बाबा लखनदास जो भीषण गर्मी में भी आग के बीच बैठकर एक घंटे न केवल संसार के कल्याण के लिए तपस्या कर रहे हैं बल्कि इस तपस्या के दौरान कई बार वे आग का तसला भी सिर पर रख लेते हैं। वह भीषण गर्मी से निजात दिलाने के लिए सिर पर आग रख कर और चारों तरफ आग जलाकर तप करने बैठ जाते हैं। बाबा को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट जाती है। इस दौरान लोग हाथ जोड़कर बाबा से आशीर्वाद लेते हैं।

खीरी जिले की सदर तहसील के रहने वाले बुजुर्ग साधु बाबा लखन दास त्यागी लोगों के कल्याण और भारी वर्षा की मांग को लेकर सिर तथा शरीर के चारों तरफ आग जला कर बैठ जाते हैं। भीषण गर्मी और खुले आसमान के नीचे आग जलाकर तब कर रहे साधु की जानकारी जब लोगों को मिली तो मौके पर सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष पहुंच गए।

लखीमपुर जिला मुख्यालय से करीब छह किलोमीटर दूर विकास खंड सदर का एक गांव पिपरा करमचंद है। जहां गांव के किनारे श्यामतीर्थ नामक मंदिर है, यहां डेढ़ साल से रह रहे हठ योगी श्रीश्री 108 बाबा लखनदास ने आग के बीच बैठकर तपस्या शुरू की है। बाबा लखनदास पूर्वांचल के जिला देवरिया के ग्राम दुदौली के निवासी हैं। जिन्होंने महज सात साल की उम्र में लखीमपुर के सिद्ध योगी देवरहा बाबा से सन्यास लिया था। 35 वर्ष से बाबा लखन दास 84 धूनी का तप कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस बार उनका 35वां आयोजन है। हर वर्ष जून में एक हफ्ते तक अपने चारों तरफ आग जलाकर वे तपस्या करते हैं। इस दौरान कभी वह दंडवत लेट जाते हैं और कभी सिर पर आग रख लेते हैं। अगले वर्ष 36वां आयोजन अंतिम होगा। जिसमें पूरे 41 दिन 24 घंटे तक निरंतर तपस्या होगी। बाबा लखनदास बताते हैं कि संसार में जो इस समय नफरत, अधर्म फैल रहा है उसे समाप्त करने के लिए हुए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। एक घंटे के उपक्रम में वे 384 कंडे जलाकर लोक कल्याण के लिए तपस्या कर रहे हैं।

देशभर में गर्मी ने लोगों को बेहाल कर रखा है। मानसून ने 8 जून को एक सप्ताह की देरी से केरल में दस्तक दी थी। देश के विभिन्न इलाकों में बारिश होने लगी कि तभी 10 जून को अरब सागर में चक्रवाती तूफान वायु ने आकार लेना शुरू किया। उसके बाद मॉनसून की बारिश थम सी गई। इसके बाद 11 जून से मॉनसून की बढ़त पूरी तरह से रुक गई। 

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