क्या विभाग की नजर में अलादीन का चिराग हैं प्राइमरी के मास्टर

धौरहरा (लखीमपुर) : अफसरों की नजर में शायद परिषदीय स्कूलों के शिक्षक जादूगर हैं या फिर आलादीन का चिरा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 11:08 PM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 11:08 PM (IST)
क्या विभाग की नजर में अलादीन का चिराग हैं प्राइमरी के मास्टर
क्या विभाग की नजर में अलादीन का चिराग हैं प्राइमरी के मास्टर

धौरहरा (लखीमपुर) : अफसरों की नजर में शायद परिषदीय स्कूलों के शिक्षक जादूगर हैं या फिर आलादीन का चिराग। परिषदीय स्कूलों में यूनीफार्म और स्वेटर वितरण का नमूना काफी है। जुलाई से परिषदीय स्कूलों में यूनीफार्म का वितरण होना था। इसके लिए 50 प्रतिशत धनराशि स्कूलों के खाते में जून में ही भेज दी गई थी। आदेश हुए कि जुलाई भर में यूनीफार्म वितरण का काम पूरा कर लिया जाए। अधिकांश शिक्षकों ने यूनीफार्म वितरित कर दी। इस तरह कम से कम कागज पर शत-प्रतिशत यूनीफार्म वितरण कराने के बाद कुल भुगतान 89.22 प्रतिशत धनराशि का किया गया। अब मान लें कि यूनीफार्म वितरण अगर शिक्षकों ने पूरी ईमानदारी से किया है तो इसमें 11 फीसद पैसा खुद का फंसा हुआ है, जो चार महीने बाद भी नहीं मिला। स्वेटर वितरण मे भी बेहाल हो रहे शिक्षक अब ठंड शुरू हुई तो परिषदीय स्कूलों में स्वेटर बांटने के आदेश भी आ गए। ऊपर से फरमान जारी हुआ कि 31 अक्टूबर तक हर हाल में स्वेटर वितरित कर दिए जाएं। 10 अक्टूबर के बाद स्वेटर वितरण की मॉनीट¨रग भी शुरू हो गई। हर एनपीआरसीसी से अफसर प्रतिदिन स्वेटर वितरण की रिपोर्ट लेने लगे। बढ़ते दबाव के बीच धौरहरा, ईसानगर और रमियाबेहड़ ब्लाक में 80 फीसद से ज्यादा शिक्षकों ने स्वेटर वितरित करा दिए, लेकिन भुगतान के नाम पर पूरे अक्टूबर एक धेला भी नहीं आया। शिक्षकों ने जैसे-तैसे उधार लेकर स्कूलों में स्वेटर बांटे। जिन शिक्षकों को उधार नहीं मिला, उन्होंने अपने वेतन के पैसे सरकारी फरमान के लिए खर्च किए। जब शत-प्रतिशत वितरण की रिपोर्ट अफसरों ने ले ली। तब इसके 15 दिन बाद स्कूलों के खाते में स्वेटर का पैसा भेजा गया, लेकिन यहां भी साहब लोगों की मनमानी यह कि 15 अक्टूबर को 91 रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से 50 फीसद से भी कम धनराशि शिक्षकों को दी गई।

chat bot
आपका साथी