कार्य की नियति पर निर्भर करता है मिलने वाला फल
किसी भी कार्य की समाप्ति के बाद मिलने वाला फल काम प्रारंभ करने वाले की नियति पर निर्भर करता है। साफ मन से किया गया यज्ञ जैसा महान कार्य का फल प्राप्त होता है। राजा दक्ष ने जो यज्ञ प्रारंभ किया था उसका सुफल उनको नहीं मिल सका क्योंकि उनके मन में यज्ञ शुरू करने से पहले ही दुर्भावना थी।
कुशीनगर : किसी भी कार्य की समाप्ति के बाद मिलने वाला फल काम प्रारंभ करने वाले की नियति पर निर्भर करता है। साफ मन से किया गया यज्ञ जैसा महान कार्य का फल प्राप्त होता है। राजा दक्ष ने जो यज्ञ प्रारंभ किया था उसका सुफल उनको नहीं मिल सका क्योंकि उनके मन में यज्ञ शुरू करने से पहले ही दुर्भावना थी। यह बातें गुरूवार को पकवाइनार शिव मंदिर परिसर में विष्णु महायज्ञ में रामकथा कहते हुए प्रियंका ने कही। दक्ष की इच्छा के विपरीत सती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में चुना था। दक्ष शिव को पसंद नहीं करते थे। वे उनको नीचा दिखाने के प्रयास में लगे रहते थे। सरस्वती पांडेय, राम तपस्या पांडेय, आनंद पाल सिंह, सभासद अनिल वर्मा, पप्पू सिंह, रमेश शर्मा, आर्यन राव, श्रीराम पांडेय, जमालुद्दीन सिद्दीकी, श्रवण वर्मा, मुन्ना कुशवाहा, लप्पू दूबे आदि उपस्थित रहे।
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लोक कल्याण के लिए हुआ शिव-पार्वती विवाह
सखवनिया, कुशीनगर: सखवनिया बुजुर्ग उत्तर टोला में आयोजित राम कथा के तीसरे दिन गुरूवार को कथा वाचक विरेंद्र तिवारी ने कहा कि लोक कल्याण के लिए देवताओं ने भगवान शंकर की शादी पार्वती से कराया। कथा वाचक ने शिव पार्वती विवाह के महत्व की विस्तार से चर्चा की। कथा का प्रारंभ कांग्रेसी नेत्री सीमा शर्मा, जिपंस उग्रसेन यादव, रामनरेश मिश्र ने राम चरित मानस पर माल्यार्पण और आरती से हुआ।तिवारी ने ताड़कासुर वध कथा को भी रोचक ढंग से प्रस्तुत किया। ग्राम प्रधान संजय सिंह, अंगद सिंह, राघवेंद्र शरण सिंह, क्षेपंस संजीव गुप्त, उज्ज्वल मोहन सिंह, शशिभूषण मिश्र, गुलाब वर्मा, विध्याचल प्रसाद, राजकिशोर मिश्र, विश्वनाथ मिश्र, सुदामा मिश्र, चोकाटी वर्मा, काशी सोनार, हरींद्र तिवारी, सुमन तिवारी, जगदीश ओझा, हरिकिशन प्रसाद, रामप्रीत प्रसाद आदि उपस्थित रहे।