रावण वध का प्रसंग देख हर्षित हुए दर्शक

तमकुहीराज के रामलीला मैदान में राज परिवार के तत्वावधान में आयोजित होने वाले पारंपरिक रामलीला मंचन के अंतिम दिन रावण वध प्रसंग का सजीव मंचन हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Oct 2018 11:07 PM (IST) Updated:Fri, 26 Oct 2018 11:07 PM (IST)
रावण वध का प्रसंग देख हर्षित हुए दर्शक
रावण वध का प्रसंग देख हर्षित हुए दर्शक

कुशीनगर : तमकुहीराज के रामलीला मैदान में राज परिवार के तत्वावधान में आयोजित होने वाले पारंपरिक रामलीला मंचन के अंतिम दिन रावण वध प्रसंग का सजीव मंचन हुआ। सुंदर साज सज्जा, प्रभावी संवाद व कलाकारों के सधे अभिनय को देख दर्शक रोमांचित हो गए। बुधवार की रात्रि कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीराम की आरती के साथ हुआ। मंचन के क्रम में हनुमान लंका से वापस आकर राम को सारी स्थिति से अवगत कराते हैं। लंका में प्रवेश के लिए समुद्र में पुल बनाने का काम नल नील के मदद से वानर सेना द्वारा किया जाता है। लंका पहुंच कर भगवान राम व रावण की सेना में युद्ध होने लगता है। लक्ष्मण मूर्छित होते हैं। हनुमान संजीवनी लाते हैं। अंत में भगवान राम कुंभकर्ण व रावण जैसे आतताइयों का वध करते हैं। चारों तरफ से जय श्रीराम का जयघोष होने लगता है। रावण वध के बाद राम विभीषण का राज तिलक कर उन्हें लंका का राजा बना देते हैं। राम सीता के मिलन के पश्चात वह चौदह वर्ष वनवास का समय पूरा कर पुन: अयोध्या वापस लौटते हैं, जहां अयोध्या वासी उनका फूल मालाओं से स्वागत करते हैं। गुरु वशिष्ठ श्रीराम का राज्याभिषेक कर अयोध्या की राजगद्दी सौंपते हैं। आयोजक राजा माहेश्वर प्रताप शाही ने सभी दर्शकों से राम के चरित्र को जीवन में उतारने की सलाह देते हुए अगले वर्ष पुन: इस आयोजन को कराने का आश्वासन दिया। इस दौरान त्यागी राधेश्याम यादव, अवधेश राय, वैद्यनाथ मद्धेशिया, सर्वदेव गुप्ता, सत्यप्रकाश मिश्र, जितेंद्र पटेल, प्रहलाद गौड़, शुभकरण गुप्ता, भीम प्रसाद गुप्ता, सस्ता बाबा, जाकिर हुसेन, उगम यादव,नंद गुप्ता, प्रमोद, प्रीतम आदि मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी