गुल हो रही बिजली, धड़क रहा दिल

यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 18 फरवरी से तो दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की परीक्षाएं 25 फरवरी से शुरू हो रही हैं। परीक्षार्थी अपने करियर को लेकर बेहद सजग व तत्पर हैं। एक-एक अंक के लिए जूझ रहे परीक्षार्थिंयों के लिए तैयारी का समय बेशकीमती है लेकिन बिजली कटौती ने परीक्षार्थियों को संकट में डाल दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 Feb 2020 11:33 PM (IST) Updated:Sun, 02 Feb 2020 11:33 PM (IST)
गुल हो रही बिजली, धड़क रहा दिल
गुल हो रही बिजली, धड़क रहा दिल

कुशीनगर : यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 18 फरवरी से तो दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की परीक्षाएं 25 फरवरी से शुरू हो रही हैं। परीक्षार्थी अपने करियर को लेकर बेहद सजग व तत्पर हैं। एक-एक अंक के लिए जूझ रहे परीक्षार्थिंयों के लिए तैयारी का समय बेशकीमती है, लेकिन बिजली कटौती ने परीक्षार्थियों को संकट में डाल दिया है। मनमानी कटौती पर कोई लगाम न होने से परीक्षार्थी अपने सुनहरे भविष्य को लेकर चितित हैं। गांव से लेकर शहर तक कटौती चरम पर है।

नगर, उप नगर, कस्बा व ग्रामीण क्षेत्र में तैयारी में जुटे परीक्षार्थी कटौती से आजिज आ चुके हैं। दिन की कटौती का कोई खास मलाल परीक्षार्थियों को नहीं है, लेकिन रात की कटौती ने नींद उड़ा दी है। बिजली के आने व जाने का निश्चित समय न होने से परीक्षार्थी इसे अपने करियर के साथ खिलवाड़ मान रहे हैं।

कक्षा 12वीं के अशोक गुप्ता कहते हैं सरकार को परीक्षा के समय कटौती पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए ताकि बच्चों का करियर प्रभावित न हो। 12वीं की रूखसाना कहती हैं, परीक्षा की तैयारी में तेजी आयी है तो कटौती बढ़ गई है। मनमानी आपूर्ति से दिक्कत बढ़ी है। इससे तैयारी पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। अभिभावक राम नारायन कहते हैं कि बोर्ड परीक्षा से ही बच्चों के करियर का निर्धारण होता है। ऐसे में कटौती कहां तक जायज है। इस पर न सवाल किए जा रहे हैं न ही सरकार गंभीर ही दिख रही है। कटौती पर प्रभावी अंकुश लगाकर परीक्षा समाप्ति तक मुकम्मल आपूर्ति मुहैया करानी चाहिए। बीएससी प्रथम वर्ष के दिनेश सिंह कहते हैं परीक्षा में गिने चुने दिन रह गए हैं। कटौती पर कंट्रोल नहीं हो पा रहा है। बीए अंतिम वर्ष की अनामिका, रवीता, सुलेखा ने कहा कटौती बंद होनी चाहिए।

chat bot
आपका साथी