चिकित्सकों की मनमानी, झोलाछाप ही सहारा

कुशीनगर: ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Feb 2019 11:54 PM (IST) Updated:Fri, 22 Feb 2019 11:54 PM (IST)
चिकित्सकों की मनमानी, झोलाछाप ही सहारा
चिकित्सकों की मनमानी, झोलाछाप ही सहारा

कुशीनगर: ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा कितना भी फरमान जारी किया जाए, पर आयुर्वेद चिकित्सालय हाटा में इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला। चिकित्सकों व कर्मचारियों की मनमानी से मरीजों को बाध्य होकर झोलाछाप का सहारा लेना पड़ता है। इस अस्पताल में डा. किरन कुमारी, डा. सीतारमन शरन, फार्मासिस्ट ओमप्रकाश मिश्र, स्टाफनर्स वंदना, गीता ¨सह, व वार्ड ब्वाय रमाशंकर, नन्हें प्रसाद, विजय प्रताप ¨सह व स्वीपर पंकज कुमार की नियुक्ति है। मजे की बात यह है कि इस अस्पताल में चिकित्सक, फार्मासिस्ट व अन्य कर्मचारी एक साथ कभी भी नहीं मिलते। अस्प्ताल में यदि चिकित्सक आते हैं तो फार्मासिस्ट नहीं और फार्मासिस्ट आते हैं तो चिकित्सक नहीं आते। शुक्रवार को लगभग डेढ़ बजे फार्मासिस्ट ओमप्रकाश मिश्र, स्टाफ नर्स वंदना ¨सह, वार्ड ब्वाय रमाशंकर व रामपति यादव ही मौजूद रहे। 15 बेड वाले इस अस्पताल में मौके पर महज छह बेड ही है। स्टोर रूम में रखी दवाएं व उपकरण धूल फांक रहे हैं। शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं तो पेयजल के लिए इंडिया मार्क हैंडपंप भी नहीं है। बिजली कनेक्शन नहीं होने से गर्मी के दिनों में कर्मचारियों को परेशानी होती है। त्रिफला चूर्ण, षटसकार, कनकासव, कुमारी आसव, च्यवनप्राश, अभयारिष्ट व बवासीर की दवाएं नहीं हैं। उपजिलाधिकारी दिनेश कुमार ने कहा है कि जांच करा कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

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