वैश्विक महामारी से बचाव के लिए हो रहा त्रिपिटक सूत्र पाठ

जागरण संवाददाता कुशीनगर कुशीनगर भिक्षु संघ व कुशीनगर त्रिपिटक चांटिग काउंसिल के सं

By JagranEdited By: Publish:Sun, 08 Nov 2020 11:46 PM (IST) Updated:Sun, 08 Nov 2020 11:46 PM (IST)
वैश्विक महामारी से बचाव के लिए हो रहा त्रिपिटक सूत्र पाठ
वैश्विक महामारी से बचाव के लिए हो रहा त्रिपिटक सूत्र पाठ

जागरण संवाददाता, कुशीनगर: कुशीनगर भिक्षु संघ व कुशीनगर त्रिपिटक चांटिग काउंसिल के संयुक्त तत्वावधान में म्यांमार बुद्ध मंदिर कुशीनगर में शनिवार से प्रारंभ त्रिपिटक सूत्र पाठ (बुद्ध के उपदेशों का पाठ) रविवार को दूसरे दिन भी जारी रहा।

विश्व शांति, जन कल्याण व वैश्विक महामारी कोरोना के लिए चल रहे सूत्र पाठ का समापन सोमवार को म्यांमार के राजदूत ऊ मोचो आंग करेंगे। इसका शुभारंभ विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने किया था। इंटरनेशनल त्रिपिटक चांटिग काउंसिल व कुशीनगर त्रिपिटक चांटिग काउंसिल के तत्वावधान में 2016 से प्रति वर्ष 10 से 13 नवंबर तक आयोजित सूत्र पाठ कोरोना महामारी के चलते स्थगित हो जाने के कारण यह कार्यक्रम भिक्षु संघ के अध्यक्ष एबी ज्ञानेश्वर के निर्देशन में प्रारंभ किया गया है। भगवान बुद्ध ने कुशीनगर में अपने निर्वाण के पूर्व महासुदर्शन और महापरिनिर्वाण सूत्र का पाठ किया था। इसलिए इस स्थान पर सूत्र पाठ करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां के वातावरण में बुद्ध की ऊर्जा का अनुभव होता है।

भिक्षु अग्गवंश, शोध छात्र मगध विवि विश्व शांति, जन कल्याण और कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए यह कार्यक्रम एबी ज्ञानेश्वर के 85 वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में प्रारंभ है। भगवान बुद्ध ने भी वैशाली में संकट के समय में रतनसूत का पाठ कर संकट का समाधान किया था।

भिक्षु प्रज्ञावंश, शोध छात्र नालांदा विवि कुशीनगर में त्रिपिटक सूत्र पाठ के होने से क्षेत्र के लोग सुखी और निरोग रहेंगे। विश्व के साथ-साथ इस क्षेत्र में भी शांति का माहौल बना रहेगा। बौद्ध धर्म शांति का संदेश देता है। बुद्ध की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं।

भंते याजा, शोधार्थी मगध विवि यह त्रिदिवसीय सूत्र पाठ विश्व के बौद्धों के लिए अत्यंत महत्वूपर्ण है। इसका नियमित पाठ होते रहना चाहिए। इससे लाभ के साथ-साथ बुद्ध के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार होता रहता है।

भंते नायका, शोध छात्र विश्वभारती शांति निकेतन, कोलकाता

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