पुलिस गश्त न होने से तस्करों की चांदी

By Edited By: Publish:Mon, 01 Sep 2014 11:29 PM (IST) Updated:Mon, 01 Sep 2014 11:29 PM (IST)
पुलिस गश्त न होने से तस्करों की चांदी

कुशीनगर : पुलिस गश्त न होने से पशु तस्करों की चांदी है। रात के अंधेरे में इसका लाभ उठाते हुए तस्कर ग्रामीण रास्तों का प्रयोग करते हुए आसानी से बिहार की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं। यदि पुलिस पकड़ भी ली तो कुछ निर्धारित रकम दे ये तस्कर आसानी से अपनी राह पकड़ लेते हैं।

पटहेरवा थानाक्षेत्र के पिपरा कनक, बरई पट्टी, समउर बाजार, गंगुआ मठिया आदि से संलग्न ग्रामीण क्षेत्रों की सड़के आजकल पशु तस्करों के लिए मुफीद बनी हुई है। महराजगंज व गोरखपुर क्षेत्र से बिहार होकर पश्चिम बंगाल वध को जाने वाले पशु छोटी-छोटी टोलियों में बांटकर पिकप जैसी छोटी गाड़ियों के माध्यम से तस्करों द्वारा बिहार सीमा में प्रवेश करा दिया जाता है। इसके लिए तस्कर मुख्य मार्गो के बजाय गांव के कच्चे रास्तों व खड़ंजा का प्रयोग करते है। यदि कही कोई गाड़ी पुलिस की निगाह में आ गई तो सूत्र बताते है कि तस्कर पुलिस को तयशुदा रकम देकर चलते बनते है। सीओ वीके यादव ने इस संबंध में बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है पता करवा रहा हूं। शीघ्र तस्करी बंद कराया जाएगा।

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