विद्यालयों को करना होगा शासनादेश का अनुपालन: डीएम

By Edited By: Publish:Fri, 22 Aug 2014 09:52 PM (IST) Updated:Fri, 22 Aug 2014 09:52 PM (IST)
विद्यालयों को करना होगा शासनादेश का अनुपालन: डीएम

कुशीनगर: जिलाधिकारी लोकेश एम ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन को हर हाल में शासनादेश का अनुपालन करना होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले विद्यालयों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के निर्देश के क्रम में जिलाधिकारी शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में विद्यालय प्रबंधकों व प्रधानाचार्यो की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के रवींद्र नायक ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रदेश भर के जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को विद्यालय प्रबंधन के साथ बैठक करने का निर्देश दिया है। बैठक को संबोधित करते जिलाधिकारी ने कहा कि स्कूल के बसों व अन्य वाहनों के आगे व पीछे स्कूल वाहन या आन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए। इसके अलावा कालेज प्रबंधन के मोबाइल नं. के साथ यह अवश्य लिखा जाए कि 'यदि वाहन खतरनाक ढंग से चलता पाया जाए तो इसकी सूचना दी जाए।' उन्होंने कहा कि विद्यालयों को अपने वाहनों के फिटनेस पत्र लिखित तौर पर एआरटीओ कार्यालय को देना होगा।

अपर पुलिस अधीक्षक चंद्र प्रकाश शुक्ल ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन को वाहनों के ड्राइवरों के चरित्र की जांच पुलिस विभाग से कराना जरूरी है। इस कार्य में पुलिस विभाग का पूरा सहयोग रहेगा। बीएसए प्रदीप पांडेय ने कहा कि वाहनों में प्राथमिक उपचार बाक्स अवश्य रखा जाए। लापरवाही की स्थिति में संबंधित विद्यालय की मान्यता निरस्त करने की कार्यवाही की जाएगी। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अम्ब्रीश कुमार ने कहा कि किसी भी दशा में विद्यालय प्रबंधन गैस चालित व खुले वाहनों का प्रयोग नहीं करेंगे। समस्त प्रबंधकों को बसों के फिटनेस, बीमा, भौतिक कंडीशन फिट रखना होगा। नए वाहनों का प्रयोग तभी कर सकेंगे, जब प्रपत्र पूर्ण करा लिए गए हों। उन्होंने प्रधानाचार्यो व प्रबंधकों को स्कूल बसों से संबंधित नवीनतम शासनादेश व परिवहन विभाग द्वारा जारी निर्देशों को अवगत कराया।

इस अवसर पर प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा लगभग 40 विद्यालयों के प्रबंधक/प्रधानाचार्य, टीएसआई अनिल सिंह, ट्रैफिक पुलिस संतराम उपस्थित रहे।

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-ये हैं शासनादेश

स्कूल बसों में यात्रा करने वाले स्कूली बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रदेश के परिवहन आयुक्त द्वारा जो निर्देश जारी किए गए हैं, वे इस प्रकार हैं-

-वाहन का शैक्षणिक संस्था के नाम पंजीकृत होना आवश्यक।

-बसों का परमिट लेना आवश्यक।

-प्रत्येक स्कूल बस के आगे व पीछे मोटे अक्षरों में स्कूल बस लिखा होना चाहिए।

-स्कूल के अनुबंधित बसों पर आगे व पीछे बड़े अक्षरों में आन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए।

-कोई भी स्कूल बस किराए की फुटकर सवारी नहीं ढोएगा।

-प्रत्येक स्कूल बस पर स्कूल का नाम तथा टेलीफोन नं. लिखा होना चाहिए।

-स्कूल बसों की अधिकतम आयु 15 वर्ष होगी।

-प्रत्येक स्कूल बस में बच्चों की सूची, नाम व पता, कक्षा, ब्लड ग्रुप तथा रूट चार्ट उपलब्ध रहेगा।

-स्कूल बस में चालक के अलावा अनुभवी पुरुष या महिला सहायक तैनात रहेंगे, जो बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखेंगे।

-स्कूल बस के चालक तथा सहायक को ड्यूटी के समय निर्धारित ड्रेस पहनना अनिवार्य।

-स्कूल बस की अधिकतम गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा।

-स्कूल बस का रंग गोल्डेन यलो विथ ब्राउन/ब्लू लाइनिंग होना चाहिए।

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