.. कुछ बात है की हस्ती मिटती नहीं हमारी

भरवारी के देहदानियों ने कस्बे को एक अलग पहचान दिला दी है। आज तक भरवारी को शिक्षण संस्थानों का कस्बा व एक बड़ी बाजार के रूप में जाना जाता था लेकिन अब यह देहदानियों की नगरी के रूप में अपनी पहचान बना चुकी है। अब तक चार लोगों ने मृत्यु के बाद शरीर का दान किया है। आने वाले दिनों में भरवारी कस्बे के अन्य लोग भी इस कड़ी में जुड़ेंगे। नगर पालिका परिषद इनके नाम को अमर करने के लिए कुछ परियोजनाओं की शुरुआत भी करेगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Dec 2020 10:44 PM (IST) Updated:Sun, 27 Dec 2020 10:44 PM (IST)
.. कुछ बात है की हस्ती मिटती नहीं हमारी
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भरवारी : भरवारी के देहदानियों ने कस्बे को एक अलग पहचान दिला दी है। आज तक भरवारी को शिक्षण संस्थानों का कस्बा व एक बड़ी बाजार के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब यह देहदानियों की नगरी के रूप में अपनी पहचान बना चुकी है। अब तक चार लोगों ने मृत्यु के बाद शरीर का दान किया है। आने वाले दिनों में भरवारी कस्बे के अन्य लोग भी इस कड़ी में जुड़ेंगे। नगर पालिका परिषद इनके नाम को अमर करने के लिए कुछ परियोजनाओं की शुरुआत भी करेगी।

शरीर नश्वर है। इसे एक न एक दिन मिट्टी में मिल जाना है। यह यथार्थ सत्य है। इसके बाद कुछ लोग मरने के बाद भी अमर रहते हैं। उनको सदियों तक याद रखा जाता है। भरवारी कस्बे के देहदानियों का नाम भी इतिहास में अमर हो गया। इस सिलसिले की शुरुआत देहदानी रमाशंकर केसरवानी ने की थी। इनकी मृत्यु मई 2012 में थी। इन्होंने मृत्यु से पूर्व ही अपने शरीर को मेडिकल कालेज प्रयागराज को दान कर दिया। इनकी मुत्यु के बाद मेडिकल टीम शरीर को ले गई। इनसे प्रेरित होकर डा. राजेंद्र साहू ने भी अपने शरीर का दान कर दिया। जनवरी 2015 में इनकी मृत्यु हुई। दोनों के नाम पर अलग-अलग वार्ड बना गया है। नगर पालिका विस्तार के दौरान देहदानी रमाशंकर नगर वार्ड 15 व देहदानी ड. राजेंद्र नगर वार्ड 16 को बना दिया गया। इनके बाद 21 अक्टूबर को बद्री प्रसाद केसरवानी और 25 दिसंबर की रात्रि देहदानी हरिश्चंद्र केसरवानी की मृत्यु हुई है। नगर पालिका परिषद इन देहदानियों का भी सम्मान करेगा। इसके लिए इनके नाम पर परियोजनाएं बनाए जाने की योजना है।

चायल विधायक संजय गुप्ता ने बताया कि दो देहदानियों के नाम पर वार्ड बनाकर उनको सम्मान दिया गया है। दो देहदानियों के नाम पर नगर पालिका परिषद में कोई न कोई परियोजना शुरू की जाएगी। इन परियोजनाओं के माध्यम से इनको अमर बना दिया जाएगा। यह लोगों के बीच अपने विशेष योगदान के लिए हमेशा याद किए जाएंगे।

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