बेटी के इलाज को ग्रामीणों ने बूढ़ी मां को दी मदद

संसू, भरवारी : कोखराज थाना क्षेत्र के ¨सधिया गांव में चार दिन पहले करंट से झुलसी गरीब की बेटी ¨जदगी और मौत के बीच जूझ रही है। बेटी के इलाज को बूढ़ी मां ने शुक्रवार को गांव में घूम-घूम कर चंदा मांगा। शुक्रवार को दर्जनों लोगों ने अपनी स्वेच्छा से वृद्धा को चंदा दिया। अब तक मदद के नाम पर एक भी जनप्रतिनिधि ने गरीब परिवार को ढांढस देना भी उचित नहीं समझा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 09:28 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 10:50 PM (IST)
बेटी के इलाज को ग्रामीणों ने बूढ़ी मां को दी मदद
बेटी के इलाज को ग्रामीणों ने बूढ़ी मां को दी मदद

संसू, भरवारी : कोखराज थाना क्षेत्र के ¨सधिया गांव में चार दिन पहले करंट से झुलसी गरीब की बेटी ¨जदगी और मौत के बीच जूझ रही है। बेटी के इलाज को बूढ़ी मां ने शुक्रवार को गांव में घूम-घूम कर चंदा मांगा। शुक्रवार को दर्जनों लोगों ने अपनी स्वेच्छा से वृद्धा को चंदा दिया। अब तक मदद के नाम पर एक भी जनप्रतिनिधि ने गरीब परिवार को ढांढस देना भी उचित नहीं समझा।

¨सधिया निवासी संपत लाल की कई साल पहले मौत हो चुकी है। उसकी पत्नी चंदा देवी व बेटी सुमन मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करती हैं। 17 सितंबर को सुमन गांव के ही कलुइया देवी व सोनी पुत्री अर्जुन के साथ खेत की तरफ जा रहे थे। इस बीच हाईटेंशन तार उनके ऊपर अचानक गिर गया। इससे तीनों लोग करंट की चपेट में आकर झुलस गए। ग्रामीणों ने तीनों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। सुमन की हालत नाजुक होने पर चिकित्सकों ने जिला अस्पताल से इलाहाबाद के एसआरएन अस्पताल रेफर कर दिया। सुमन के कमर के नीचे का पूरा हिस्सा झुलस जाने से चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिए और परिवार वालों को किसी बड़े अस्पताल में इलाज कराने की सलाह दी। महंगी दवाओं को लेकर हताश हुई बूढ़ी मां चंदा देवी बेटी सुमन को लेकर वापस जिला अस्पताल आ गई। अब वह बेटी की इलाज के लिए लोगों से मदद मांगती घूम रही है। उसने ग्रामीणों से मदद की गुहार लगाई। उसका करुण क्रंदन देखकर ग्रामीण मदद के लिए आगे आए। अपनी स्वेच्छा से किसी ने एक हजार तो किसी ने दो हजार रुपये दिए। इसकी जानकारी जब चायल विधायक संजय गुप्ता को हुई तो उन्होंने भी आíथक मदद दी। जबकि अन्य जनप्रतिनिधि गरीब की बेटी का इलाज कराने के नाम पर आगे नहीं आए। ग्रामीणों का कहना है कि सुमन के इलाज में चाहे जितना रुपया लगे, सभी लोग चंदा इकट्ठा कराकर उसका इलाज कराएंगे।

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