कौशांबी की निर्भया को अब तक नहीं मिला इंसाफ

हैदराबाद उन्नाव दुष्कर्म व हत्या्र कौशांबीनिर्भया दुष्कर्म पीड़िता

By JagranEdited By: Publish:Sun, 08 Dec 2019 11:28 PM (IST) Updated:Mon, 09 Dec 2019 06:08 AM (IST)
कौशांबी की निर्भया को अब तक नहीं मिला इंसाफ
कौशांबी की निर्भया को अब तक नहीं मिला इंसाफ

हैदराबाद और उन्नाव में दुष्कर्म व हत्या की वारदात ने एक बार फिर कौशांबी की निर्भया की याद ताजा कर दी है। जिले में भी छह वर्षीय भतीजी के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोपित बीते आठ साल से फरार है। जिले की अदालत से सुनाई गई फांसी की सजा अब तक नहीं मिल पाई है। यह बात दीगर है कि एसटीएफ प्रयागराज भी उसकी तलाश में गैरप्रांतों में खाक छान चुकी है।

जिले के पइंसा थाना क्षेत्र के एक शख्स ने वर्ष 2008 में अपनी छह वर्षीय भतीजी के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर गांव के बाहर लाश फेंक दी थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने तहकीकात की तो दरिदगी उजागर हुई। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा। मामला न्यायालय तक पहुंचा तो शासकीय अधिवक्ता त्रिलोकी चंद्र केसरवानी ने वादी पक्ष से अदालत में बहस की। उभय पक्षों के तर्कों और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद जिला जज टीएम खान ने अभियुक्त को दोषी पाया और वर्ष 2011 में फांसी की सजा सुनाई। फैसले पर मुहर लगाने के लिए पत्रावली हाईकोर्ट इलाहाबाद भेजी गई। अधिवक्ता ने उस शख्स को निर्दोष बताते हुए हाईकोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट ने फांसी की सजा पर रोक लगा दी। इस पर वह जमानत पर छूट गया। वहीं, वादी पक्ष से शासकीय अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट का सहारा लिया। सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा को बरकरार रखते हुए उसे पुन: गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया। इसकी भनक अभियुक्त को लगी तो वह फरार हो गया। इससे जिले की पुलिस में हड़कंप मच गया। उसकी धर-पकड़ के लिए पुलिस के अलावा प्रयागराज की एसटीएफ को भी लगा दिया गया, लेकिन उसका पता नहीं चल सका। गौर करने वाली बात यह है कि इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जिले में रह चुके दो पुलिस अधीक्षकों को भी तलब किया था, लेकिन आज भी स्थिति जस की तस है। मासूम के परिजन आज भी इंसाफ पाने के लिए बेताब हैं।

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