बुजुर्गो को घर से निकालने पर दंड का प्रावधान

जासं कौशांबी विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिला जज महफूज अली के निर्देश पर प्राधिकरण ने शुक्रवार को कौशांबी डिग्री कॉलेज परिसर चायल में जागरूकता शिविर का आयोजन किया। इस शिविर के माध्यम से छात्रों को बुजुर्गो को मिलने वाले अधिकार के संबंध में जानकारी दी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 May 2019 11:33 PM (IST) Updated:Fri, 10 May 2019 11:33 PM (IST)
बुजुर्गो को घर से निकालने पर दंड का प्रावधान
बुजुर्गो को घर से निकालने पर दंड का प्रावधान

जासं, कौशांबी : विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिला जज महफूज अली के निर्देश पर प्राधिकरण ने शुक्रवार को कौशांबी डिग्री कॉलेज परिसर चायल में जागरूकता शिविर का आयोजन किया। इस शिविर के माध्यम से छात्रों को बुजुर्गो को मिलने वाले अधिकार के संबंध में जानकारी दी।

प्राधिकरण के सचिव कुलदीप सिंह ने हिदू दत्तक, भरण पोषण अधिनियम, माता पिता व वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाले अधिकारियों को लेकर बताया कि साठ साल से अधिक उम्र के नागरिकों को वरिष्ठ नागरिक का दर्जा प्राप्त है। उनकी शारीरिक व आर्थिक जरूरत पूरी करना संतान की जिम्मेदारी है। ऐसा न करने वाली संतानों के लिए दंड का प्रावधान है। तहसीलदार चायल कल्पना चौहान ने बताया कि बुजुर्गों को घर में रहने का अधिकार है। यदि संतान ऐसा नहीं करने देती तो उनको इसको लेकर न्यायालय में वाद दायर कर सकते हैं। यदि संपत्ति लेने के बाद उनको किसी प्रकार की समस्या होती है तो इसके लिए भी न्यायालय में वाद कर सकते हैं। बाल संरक्षण अधिकारी अजीत कुमार ने नाबालिग बच्चों के शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि छह से 14 साल के हर बच्चे को शिक्षा पाने का अधिकार है। शिविर के दौरान विद्यार्थियों को अन्य कानूनी अधिकारों को लेकर जानकारी दी गई। इस मौके पर जिला समन्वयक प्रथम अंजू द्विवेदी, द्वितीय उमा साहू, महिला सिपाही अंजली प्रजापति आदि ने भी कानूनी जानकारी दी। शिविर का संचालन प्रदीप कुमार ने किया। इस मौके पर अन्य कर्मचारी व विद्यार्थियों के साथ ही उनके अभिभावक मौजूद रहे।

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