बिजली कटौती से हर गांव-मोहल्ले में लोग त्रस्त

शासन के सख्त निर्देश के बाद भी बिजली आपूर्ति की व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो रही है। शहरी क्षेत्रों में तो गनीमत है मगर ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को आवश्यकता के मुताबिक बिजली नहीं मिल पा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि रोस्टर 18 घंटे का है लेकिन 12 घंटे ही बिजली मिल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 11:22 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 11:22 PM (IST)
बिजली कटौती से हर गांव-मोहल्ले में लोग त्रस्त
बिजली कटौती से हर गांव-मोहल्ले में लोग त्रस्त

कौशांबी : शासन के सख्त निर्देश के बाद भी बिजली आपूर्ति की व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो रही है। शहरी क्षेत्रों में तो गनीमत है मगर ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को आवश्यकता के मुताबिक बिजली नहीं मिल पा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि रोस्टर 18 घंटे का है, लेकिन 12 घंटे ही बिजली मिल रही है। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। शिकायत के बाद भी समाधान नहीं हो पा रहा है।

विद्युत उप केंद्र सिराथू, कूरा मुरीदनपुर, अजुहा, कमालपुर, कछुआ, राला, घटमापुर, दारानगर, मंझनपुर, टेंवा, भरसवां, पश्चिमशरीरा, सरायअकिल, मनौरी आदि से जुड़े फीडर के गांवों में हर दिन छह से सात घंटे की बिजली कटौती की जा रही है। हल्की बारिश होने पर बिजली आपूर्ति बंद हो जाती है। बिजली दोबारा कब आएगी, इसकी कोई समय तय नहीं है। ऐसे में लोग परेशान होते रहते हैं। इतना ही नहीं आए दिन जर्जर तारों में फाल्ट होता रहता है। फाल्ट हुआ तो आपूर्ति तीन से चार घंटे बंद होना तय है। विद्युत उपकेंद्र सिराथू के रूपनारायणपुर गोरियों के रविशंकर, सुनील कुमार, राममिलन का कहना है कि 18 घंटे के रोस्टर में महज 12 घंटे बिजली मिलती है। रात में बिजली कटौती से काफी परेशानी होती है। शिकायत के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं किया गया। यह भी गंभीर बात है कि क्षेत्रीय नेता भी बेपरवाह हैं।

क्या कहते हैं उपभोक्ता

- सरकार गांव के लोगों को 18 घंटे विद्युत आपूर्ति का दावा कर रही है, लेकिन यहां केवल 10 घंटे ही बिजली मिलती है। रोस्टर से ज्यादा तो कटौती की जा रही है। रात में कटौती होती है तो और भी अधिक कष्ट होता है।

- वरुण कुमार शुक्ला, ककोढ़ा

उप केंद्र से गांव को जाने वाली फीडर की तार जर्जर हो गई है। बारिश होने व हवा का झोंका चलने पर लाइन में फाल्ट आ जाता है। इस वजह से घंटों तक बिजली आपूर्ति ठप रहती है।

मनोज कुमार गनपा

रोस्टर के मुताबिक बिजली न मिलने से सब को परेशानी हो रही है, लेकिन शिकायत के बाद भी व्यवस्था में परिवर्तन नहीं हो रहा। लोग परेशान हैं।

- रिकू केसरवानी, अजुहा

उपकेंद्र घाटमपुर की विद्युत लाइन जर्जर होने से बारिश के दौरान सबसे अधिक समस्या होती है। आपूर्ति कब बंद हो जाए। कोई भरोसा नहीं रहता।

प्रताप कुमार, गंभीरा पूरब

उप केंद्रों से फीडरों में जाने वाली विद्युत आपूर्ति में कटौती नहीं की जाती है। इन दिनों बिजली की आवश्यकता अधिक है। मांग के सापेक्ष बिजली नहीं मिल पा रही है। शिकायत विभाग के आला अफसरों से की जा चुकी है। जर्जर तारों व विद्युत लाइन बदलने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है।

अंकित कुमार, एक्सईएन विद्युत

भरवारी में रोस्टर के अनुसार नहीं मिलती बिजली नगर पंचायत को नगर पालिका परिषद का दर्जा मिलने पर लोगों में आशा बंधी थी कि अब भरवारी की बिजली व्यवस्था में सुधार होकर शहर की भांति आपूर्ति होगी, लेकिन पौने तीन साल गुजर जाने के बाद भी व्यवस्था नहीं सुधरी ।

यहां रोस्टर के अनुसार विद्युत आपूर्ति का समय साढ़े 21 घंटे का है जब कि आपूर्ति लगभग 15 घंटे हो रही है। इसमें भी बिजली का बार-बार ट्रिप करना आम बात है। भरवारी नया बाजार एनडी कालोनी निवासी अधिवक्ता राम प्रकाश मिश्रा ने बताया कि बिजली की आपूर्ति सही ढंग से न होने पर व्यवसाय के साथ ही छात्रों की पढ़ाई भी बाधित होती है। बिजली सही मिले तो लोगों को सुविधा के साथ ही उनके काम धंधे भी बेहतर रहें।

सिराथू तहसील के शहजादपुर गांव में श्री रणजीत पंडित इंटर कालेज के ठीक सामने एक विद्युत पोल टूटने की कगार पर है। इस पोल पर हाई टेंशन के साथ ही 440 वोल्टेज का करंट दौड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने शिकायत की पर अभी तक बदलने के लिए कोई कर्मचारी नहीं आया।

उधर, शहजादपुर ऑटो स्टैंड व शहजादपुर के मुख्य चौराहे के समीप एक पोल जर्जर हो चुका है। इस पर स्थानीय लोगों के लिए 440 व अन्य गांव के लिए लिए हाई टेंशन लाइन गुजरी है। करीब एक सप्ताह पहले इस पोल से कोई अज्ञात वाहन टकरा गया था। पोल पूरी तरह से जर्जर हो गया। यह पोल किसी भी दिन गिर सकता है। इसको लेकर लोगों ने अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन अब तक इसे सही नहीं किया जा सका। ग्रामीण मनोज कुमार, राम रतन, निरंजन आदि ने बताया कि हर तरह से अफसरों और सब स्टेशन को खबर दी जा चुकी है।

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