पांच साल में पूरा नहीं हुआ थाना भवनों का निर्माण

जनपद के तीन थानों के प्रशासनिक भवन का निर्माण कराने का शासन ने फैसला लिया था। इसके लिए कार्यदायी संस्था सीएनडीएस को पांच वर्ष पूर्व लाखों रुपये का बजट दिया गया था। अफसरों का कहना है कि धन मिलने के बाद कार्यदायी संस्था ने भवन निर्माण में शिथिलता बरती है। यही वजह है कि पांच वर्ष पूरे होने के बाद भवन का निर्माण पूरा नहीं हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 31 Jul 2020 11:24 PM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2020 06:06 AM (IST)
पांच साल में पूरा नहीं हुआ थाना भवनों का निर्माण
पांच साल में पूरा नहीं हुआ थाना भवनों का निर्माण

कौशांबी : जनपद के तीन थानों के प्रशासनिक भवन का निर्माण कराने का शासन ने फैसला लिया था। इसके लिए कार्यदायी संस्था सीएनडीएस को पांच वर्ष पूर्व लाखों रुपये का बजट दिया गया था। अफसरों का कहना है कि धन मिलने के बाद कार्यदायी संस्था ने भवन निर्माण में शिथिलता बरती है। यही वजह है कि पांच वर्ष पूरे होने के बाद भवन का निर्माण पूरा नहीं हुआ। थाना भवनों का निर्माण न पूरा होने से पुलिस कर्मियों को परेशानी होती है। डीएम ने कार्यदायी संस्था के एक्सईएन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

जनपद के थाना कोखराज, मंझनपुर व पूरामुफ्ती का प्रशासनिक भवन जर्जर हो गया है। इसकी रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी ने पूर्व शासन को दी थी। प्रकरण को संज्ञान में लेने के बाद शासन ने वर्ष 2015 में प्रशासनिक भवन निर्माण के लिए कोखराज थाना के प्रशासनिक भवन के लिए 6.85 करोड़, थाना मंझनपुर के प्रशासनिक भवन के लिए 6.93 करोड़ व थाना पूरामुफ्ती के प्रशासनिक भवन के लिए 6.57 करोड़ रुपये खर्च करने की संस्तुति दी। साथ ही कार्यदायी संस्था को धन भी दिया गया, लेकिन भवन निर्माण में संस्था ने तेजी नहीं लाई। यही वजह है कि पांच वर्ष के बाद भी भवन निर्माण पूरा नहीं हुआ। इससे पुलिस कर्मियों को दिक्कत हो रही है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने डीएम को रिपोर्ट दिया। साथ ही सीएम के प्राथमिकता वाले विकास कार्यक्रमों की समीक्षा में स्पष्ट अभी थाना भवनों का निर्माण नहीं नहीं पूरा हुआ है। प्रकरण को गंभीरता से लेने के बाद जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कार्यदायी संस्था सीएनडीएस के एक्सईएन को नोटिस जारी कर भवन निर्माण पूरा नहीं होने का करण पूछा है। साथ डीएम ने यह भी स्पष्ट किया है कि दो माह के अंदर यदि प्रशासनिक भवनों का निर्माण पूरा कर हैंड ओवर न किया गया तो कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा।

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