ऋण लेकर फंस गए 69 बेरोजगार

बाबा साहब भीमराव प्रोत्साहन योजना का लाभ लेकर जिले के 69 लोग फंस गए हैं। विभागीय अधिकारियों ने जिन वादों के साथ बैंक से ऋण दिलाया था। वह पूरा नहीं हुआ। बैंक भी ऋण देने के बाद अब वसूली का दबाव बना रहा है। अनुदान की धनराशि न मिलने से ऋण लेकर रोजगार करने वाले युवक परेशान हैं। अधिकारी भी उनकी मदद नहीं कर पा रहे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 Jan 2021 10:14 PM (IST) Updated:Sat, 02 Jan 2021 10:14 PM (IST)
ऋण लेकर फंस गए 69 बेरोजगार
ऋण लेकर फंस गए 69 बेरोजगार

कौशांबी : बाबा साहब भीमराव प्रोत्साहन योजना का लाभ लेकर जिले के 69 लोग फंस गए हैं। विभागीय अधिकारियों ने जिन वादों के साथ बैंक से ऋण दिलाया था। वह पूरा नहीं हुआ। बैंक भी ऋण देने के बाद अब वसूली का दबाव बना रहा है। अनुदान की धनराशि न मिलने से ऋण लेकर रोजगार करने वाले युवक परेशान हैं। अधिकारी भी उनकी मदद नहीं कर पा रहे।

बेरोजगारों को ऋण देकर उनको स्वरोजगार से जोड़ने के लिए वर्ष 2019-20 में प्रदेश सरकार ने बाबा साहब भीमराव प्रोत्साहन योजना शुरू की थी। इस योजना में बेरोजगार युवकों को खुद का रोजगार शुरू करने के लिए दो से पांच लाख तक का ऋण दिया जाना था। इसके साथ ही अनुसूचित जाति के बेरोजगार को 35 व सामान्य और ओबीसी को 25 फीसद का अनुदान दिया जाना था। योजना का जिला प्रशासन ने प्रचार प्रसार किया। इसका परिणाम रहा कि करीब 300 बेरोजगार युवकों ने खुद का रोजगार शुरू करने के लिए जिला विकास अधिकारी कार्यालय में आवेदन किया। सीडीओ समेत करीब पांच अधिकारियों की एक टीम ने 87 बेरोजगारों के प्रोजेक्ट को स्वीकार किया। उनको प्रोजेक्ट के सापेक्ष दो से पांच लाख तक की ऋण देने के लिए बैंकों को पत्र लिखा गया। बैंक ने अपने मानकों पर 69 बेरोजगारों को खरा पाया और उनके नाम पर ऋण जारी कर दिया। योजना के अनुसार उनको अनुदान की धनराशि दिया जाना था, लेकिन करीब दो साल का समय बीत गया, लेकिन अब तक उनको अनुदान की धनराशि नहीं दी गई। जबकि बेरोजगार लगातार अधिकारियों से अनुदान की धनराशि की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बैंक अब ऋण लेने वाले युवकों पर ऋण वापसी का दबाव बना रहा है। परेशान बेरोजगार अधिकारियों व बैंक के चक्कर लगा रहे हैं। ऋण लेने वाले एक युवक ने बताया कि कोरोना के चलते करीब छह माह से कारोबार प्रभावित है। अनुदान की धनराशि अब तक मिली नहीं है। ऐसे में उनपर ऋण वसूली का दबाव नहीं बनाया जाए। पीड़ितों ने इस समस्या से राहत दिए जाने की मांग की है। चौपट हो गया कारोबार

ऋण लेकर रोजगार शुरू करने वाले अधिकांश युवक टेंट, कैटरिग, परचून की दुकान, बिजली की दुकान आदि का कारोबार शुरू किया है। कोरोना काल के दौरान इनका कारोबार पूरी तरह से प्रभावित रहा। काम बंद होने से नया कारोबार रफ्तार नहीं पकड़ सका। इसके बाद अब बैंक के लोगों ने ऋण वसूली का दबाव बनाया है। इससे वह परेशान हैं। अनुदान के लिए शासन को कई पत्र पूर्व में भेजे गए हैं। अभी तक अनुदान नहीं मिला है। यह प्रकरण उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया जा चुका है।

- विजय कुमार, जिला विकास अधिकारी, कौशांबी

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