आत्महत्या की वजह तो बताइए जेलर साहब!

By Edited By: Publish:Sun, 31 Aug 2014 07:27 PM (IST) Updated:Sun, 31 Aug 2014 07:27 PM (IST)
आत्महत्या की वजह तो बताइए जेलर साहब!

कौशांबी : जेल में बंदी, परिसर के बाहर आरक्षी और सड़क पर आम जनता। हर जुबां पर मृत बंदी दिलीप मौर्य की चर्चा है। जेल के आरक्षी संदिग्ध घटना की इस कहानी को फिल्मी बनाने पर उतारू हैं तो बंदी कुछ और ही कह रहे हैं। वहीं आम जनता जेल के भीतरी हालात को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है। प्रभारी जेलर दावे के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या करने की बात कह रहे हैं, लेकिन इसकी वजह क्या थी? इस पर एक दम से खामोशी अख्तियार कर लेते हैं। बंदी की मौत पर अभी भी रहस्य बरकरार है। अंत्य परीक्षण हो चुका है, लेकिन असली खुलासा मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट करेगी। इसे लेकर जेल प्रशासन की बेचैनी साफ झलक रही है।

जिला कारागार में बंदी दिलीप मौर्य की मौत अभी भी रहस्यमय बना हुआ है। रविवार को पांच डॉक्टरों के पैनल ने सुरक्षा व्यवस्था के बीच वीडियो कैमरे की निगरानी में शव का पोस्टमार्टम किया। पीएम रिपोर्ट सीलबंद कर पुलिस अफसरों को भेज दी गई है? पीएम रिपोर्ट में क्या है? घटना की सच्चाई क्या है? इसका खुलासा पीएम रिपोर्ट का आंकलन करने के बाद ही अधिकारी करेंगे। लेकिन जिला जेल के भीतर और बाहर की जो चर्चाएं हैं उनको लेकर जेल प्रशासन जरूर कटघरे में खड़ा है।

जिला जेल के बंदीरक्षकों ने बताया कि शनिवार की अपराह्न करीब एक बजे दिलीप मौर्य ने फिल्म देखी। इसके बाद उसने फांसी लगाई। यह भी कहा जा रहा है कि उसने पेन से अपने हाथ में किसी लड़की का नाम लिख रखा था। बंदीरक्षकों का कहना है कि चादर को फाड़कर बंदी ने फांसी लगाई है। दिलीप को प्रेम प्रसंग से व्यथित बताकर आत्महत्या करने की कहानी बंदीरक्षक सुना रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि दिलीप मौर्य को पेन मिला कहां से? अथवा दिया किसने? यह सही है कि दिलीप के हाथ में पेन से कुछ लिखा जरूर था? लेकिन स्पष्ट नहीं था। इसके अलावा यदि उसने फासी लगाई तो उसकी वजह क्या थी? इस सवाल का जवाब देने से प्रभारी जेलर आनाकानी कर रहे हैं। घटना सुर्खियां बनी तो जेल के भीतरी हालात पर लोग खुलकर चर्चा करने लगे। आम लोगों का कहना है कि जेल के भीतरी हालात जेल मैनुअल के लिहाज से इतर हैं। सब कुछ मनमाने तरीके से चल रहा है। बंदियों का उत्पीड़न होता है, उनसे रुपये वसूला जाता है। रुपये न देने वालों से जबरन काम कराया जाता है। यदि यह सही है तो कहीं आत्महत्या की वजह उत्पीड़न तो नहीं? इन्हीं सब सवालों के जवाब जनता तलाश रही है। पोस्टमार्टम होने के बाद अब लोगों की निगाह मजिस्ट्रेटी जांच पर टिक गई है। मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट ही इस घटना का परत-दर-परत खुलासा करेगी, जिसका दिलीप के परिजनों व आम जनता को इंतजार है।

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