डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने की व्यवस्था को लगा ग्रहण

कासगंज संवाद सहयोगी 2021 के स्वच्छता सर्वेक्षण में भले ही कासगंज नगर पालिका ने रैंक में सुधार किया हो लेकिन बस्तियों में खाली प्लाट गंदगी को बढ़ा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 05:31 AM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 05:31 AM (IST)
डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने की व्यवस्था को लगा ग्रहण
डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने की व्यवस्था को लगा ग्रहण

कासगंज, संवाद सहयोगी : 2021 के स्वच्छता सर्वेक्षण में भले ही कासगंज नगर पालिका ने रैंक में सुधार किया हो, लेकिन बस्तियों में खाली प्लाट गंदगी को बढ़ा रहे हैं। डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने की व्यवस्था को ग्रहण लग चुका है। पालिका द्वारा बाजारों में छोटे दुकानदारों को बांटे गए डस्टबिन अब गायब हो गए हैं। शहर की सफाई व्यवस्था प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है।

स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान कासगंज ने बीते वर्ष 239वी रैंक हासिल की थी। इस वर्ष पालिका ने कुछ रैंक ऊपर पहुंचकर बेहतर करने का प्रदर्शन किया है। पालिका ने स्वच्छता सर्वेक्षण में 211वीं रैंक मिली है। रैंक में सुधार होने के बावजूद भी शहर की सफाई व्यवस्था में अपेक्षित सुधार नजर नहीं आ रहा है। शहर की सफाई व्यवस्था को बस्तियों में पडे खाली प्लाट बढ़ावा दे रह हैं। ऐसा नहीं कि पालिका ने स्वच्छता के लिए प्रयास न किया हो। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए कर्मचारियों को लगाया। लोगों को जागरूक भी किया। बाजारों में हथठेला, खोमचे, रेहड़ी वालों के लिए गीले और सूखे कूड़े के लिए अलग-अलग डस्टबिन भी बांटे, लेकिन कुछ दिन तो यह डस्टबिन बाजारों में दिखाई दिए, उसके बाद गायब हो गए। पालिका के डोर-टू-डोर योजना को भी ग्रहण लग गया। परिणाम बस्तियों में कूड़े के ढेर नजर आते हैं। दो वक्त उठे कूड़ा तो बने बात

यदि पालिका प्रशासन दो बार सुबह और शाम कूड़ा उठाने की व्यवस्था को लागू करे तो शहर को स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी। मुख्य बाजारों की सड़कों पर बाजार बंद होने के बाद सफाई कराई जाए इससे नालियां भी साफ सकेगी और बाजार की सड़कें, क्योकि सुबह बाजार जल्द ही खुल जाता है। नालियों पर अतिक्रमण पसर जाता है। कर्मचारी सफाई नहीं कर पाते। गंदगी को सबसे अधिक बढ़ावा खाली पड़े प्लाटों से मिल रहा है। बस्ती के लोग ही इस समस्या को बढ़ावा दे रहे हैं। पालिका खाली प्लाट स्वामियों पर कार्रवाई करे। इसकी रोकथाम के लिए प्रयास करे तो निश्चित ही स्वच्छता सर्वेक्षण में पालिका को स्थान मिल सकेगा।

- जीतू, निवासी लवकुश नगर शहर की बदहाल सफाई व्यवस्था के लिए केवल पालिका को ही दोषी बताता न्याय उचित नहीं है। लोगों को जागरूक होना चाहिए। क्योकि स्वच्छता का संबंध सीधे स्वास्थ्य से है। पालिका अपनी जिम्मेदारी निभाए तो लोग भी सफाई को लेकर जागरूक बने।

- ओमी, निवासी गंगेश्वर कालोनी नगर पालिका प्रशासन का प्रयास रहता है कि सीमित संसाधनों में शहर को स्वच्छ और साफ बनाए रखा जाए। लोग सुबह जल्द ही घरों का कूड़ा निकाल दें। इससे सफाई कर्मचारी उसे हटा सके, लेकिन प्राय: देखने में आता है कि लोग सुबह कूड़ा हटने के बाद भी घरों को कूड़ा सड़कों पर डालते रहते हैं। खाली प्लाटों में वहां रहने वाले लोग भी कूड़ा डालते हैं। पालिका ऐसे प्लाट स्वामियों को चिन्हित करेगी। उन्हें बाउंड्रीवाल बनाए जाने को कहा जाएगा।

- धर्मराज सिंह, ईओ कासगंज मैं भी स्वच्छता प्रहरी

घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को कूड़ा लोग समय से और निर्धारित स्थानों पर ही डाले, जिससे पालिका का कर्मचारी उसे उठा सके। पालीथिन का प्रयोग न करें। पालीथिन से नाले नालियां चौक हो जाते हैं जो गंदगी को बढ़ावा देते हैं। यदि सभी जागरूक होंगे तो हमारा शहर भी इंदौर बन सकेगा। एक प्रयास और करें जब भी नाली साफ करने वाला या कूड़ा हटाने वाला पहुंचे तो घरों से एक दो बाल्टी पानी कूड़ा हटने के बाद उस स्थान पर डालकर सफाई कराएं।

- केपी सिंह सोलंकी, जिलाध्यक्ष भाजपा

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