अकेले चिकित्साधीक्षक के सहारे गंजडुंडवारा की स्वास्थ्य सेवाएं

गंजडुंडवारा संवाद सूत्र कस्बा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकीय सुविधाएं बदहाल है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Jun 2021 05:45 AM (IST) Updated:Tue, 01 Jun 2021 05:45 AM (IST)
अकेले चिकित्साधीक्षक के सहारे गंजडुंडवारा की स्वास्थ्य सेवाएं
अकेले चिकित्साधीक्षक के सहारे गंजडुंडवारा की स्वास्थ्य सेवाएं

गंजडुंडवारा, संवाद सूत्र: कस्बा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकीय सुविधाएं बदहाल है। चिकित्साधीक्षक के सहारे चार पीएचसी और सीएचसी संचालित हैं। स्टाफ का भी अभाव है। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। लैब टेक्नीशियन होने से कुछ रक्त संबंधी जांचे हो जाती हैं।

गंजडुंडवारा जिले का प्रमुख औद्योगिक कस्बा है। क्षेत्र की आबादी भी लगभग सवा लाख से अधिक है। यदि यहां की स्वास्थ्य सेवाओं को देखा जाए तो अव्यवस्थाएं ही नजर आएंगी। इसका मुख्य कारण चिकित्सक और स्टाफ का अभाव है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीन चार पीएचसी हैं। इन पर किसी चिकित्सक की तैनाती नहीं हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी केवल अधीक्षक मुकेश यादव की तैनाती है। वे जब फील्ड में होते हैं तो वार्ड ब्वाय पर मरीजों की देखरेख की जिम्मेदारी रह जाती है। स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक न होने के कारण तमाम मरीज लौट जाते हैं। स्वास्थ्य केंद्र पर दवाएं तो पर्याप्त हैं, लेकिन रोगियों का परीक्षण कर दवा देने वाले चिकित्सक नहीं। बन रहा है आक्सीजन प्लांट

कोरोना काल में गंजडुंडवारा केंद्र पर स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के लिए 50 बेड का हास्पिटल बनाया जा रहा है। आक्सीजन प्लांट का निर्माण कार्य भी चल रहा हैं। स्वास्थ्य केंद्र पर हर समय रहती है गंदगी

स्वास्थ्य केंद्र परिसर में गंदगी बनी रहती है। स्वीपर न होने से सफाई भी परिसर में नहीं हो पाती। कभी-कभी तो यहां आवारा पशुओं को विचरण करते देखा जा सकता है। गंदगी के ढेर और परिसर में उगी घास गंदगी को बढ़ावा देती है। यह पीएचसी हैं गंजडुंडवारा के अधीन

- म्यासुर

- म्याऊ

- नरदौली

- सलावत नगर आंकड़ों की नजर में

चिकित्सक तैनाती एक

चिकित्सक की आवश्यकता आठ

वार्ड बाय तैनाती तीन

वार्ड बाय की आवश्यकता 10

स्वीपर तैनाती तीन

स्वीपर आवश्यकता छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सबसे बड़ी समस्या चिकित्सकों और स्टाफ की कमी की है। दवाएं पर्याप्त मात्रा में रहती हैं। सीमित संसाधनों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का प्रयास किया जा रहा है।

- डा. मुकेश कुमार, स्वास्थ्य अधीक्षक

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