खोजे गए आद्र क्षेत्र, तलाशी जाएंगी बेहतर संरक्षण की संभावनाएं

नए साल में जल सरंक्षण की भी बेहतर संभावनाएं तलाशने में जिम्मेदार जुटे

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Jan 2021 03:23 AM (IST) Updated:Thu, 07 Jan 2021 03:23 AM (IST)
खोजे गए आद्र क्षेत्र, तलाशी जाएंगी बेहतर संरक्षण की संभावनाएं
खोजे गए आद्र क्षेत्र, तलाशी जाएंगी बेहतर संरक्षण की संभावनाएं

संवाद सहयोगी, कासगंज: नए साल में जल सरंक्षण की भी बेहतर संभावनाएं तलाशने में जिम्मेदार जुटे हुए हैं। जिले में आद्र क्षेत्र तलाश लिए गए हैं। इन सभी में पानी के संरक्षण के लिए मशक्कत शुरू हो गई। इसके अलावा बढ़ी गंगा को भी अविरल धार देने को मजबूत योजना तैयार की गई है। वन एवं डब्लू-डब्लू एफ की टीम पानी के संरक्षण की संभावनाएं तलाशने में जुटी हुई हैं।

जिम्मेदारों द्वारा जब आद्र क्षेत्रों की तलाश की गई तो 16 आद्र क्षेत्र वन विभाग को ऐसे मिले हैं, जो धीमे धीमे अस्तित्व खोते जा रहे थे। लेकिन अब वन विभाग उन्हें अस्तित्व में लाने के लिए प्रयासरत हो गया है। वन विभाग ने आद्र क्षेत्रों के संरक्षण को प्रस्ताव बनाए हैं जो शासन को भेजे हैं। हालांकि अभी यह तय नहीं किया है कि किस आद्र क्षेत्र के संरक्षण में कितना खर्चा आएगा।

इसके अलावा संरक्षण की सबसे मजबूत पहल जिला प्रशासन के निर्देश पर वन विभाग के साथ साथ डब्लू-डब्लू एफ की टीम कर रही है। व‌र्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड की टीम जिले में दो बार निरीक्षण भी कर चुकी है। पिछले साल बूढ़ी गंगा के जीर्णोद्धार का काम जो पूरा हुआ है, उसमें अब किस तरह पानी की धार बनी रहेगी यह संभावनाएं ढूंढ़ी जा रही हैं।

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जलाशयों में भी होगा संरक्षण

विकास विभाग ने सभी ग्राम पंचायतों में जलाशयों के जीर्णोद्धार की कार्य योजना तैयार की है। जलाशयों के किनारे पौध रोपण होगा तो इन जलाशयों में पानी बनाए रखने के लिए पंचायतों की जिम्मेदारी होगी।

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आंकड़ों की नजर से :

- 700 जलाशय हैं जिले में

- 16 बड़े आद्र क्षेत्र वन विभाग खोज निकाले

- दो बड़ी झीलों के जीर्णोद्धार का चल रहा काम

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कार्य योजना बना ली गयी है। जल संरक्षण के लिए सबसे पहले हम आद्र क्षेत्रों का संरक्षण सुनिश्चित कर रहे हैं। आद्र क्षेत्रों का प्रस्ताव भी बनाकर शासन को भेज दिया है। - दिवाकर वशिष्ठ, डीएफओ

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