शिक्षा के मंदिर में शराबियों का राज

जागरण संवाददाता, कासगंज: कासगंज ब्लॉक के गांव सिरौली का पूर्व माध्यमिक विद्यालय अवकाश होने

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Mar 2018 05:35 PM (IST) Updated:Tue, 20 Mar 2018 05:35 PM (IST)
शिक्षा के मंदिर में शराबियों का राज
शिक्षा के मंदिर में शराबियों का राज

जागरण संवाददाता, कासगंज: कासगंज ब्लॉक के गांव सिरौली का पूर्व माध्यमिक विद्यालय अवकाश होने के बाद शराबियों का ठिकाना बन जाता है। इतना ही नहीं शराबी भवन को भी नुकसान पहुंचाते हैं। कई स्थानों से स्कूल की चाहरदीवारी भी तोड़ दी है तो फुलवारी को लगाईं ईटें उखाड़कर फेंक दी हैं।

कासगंज से छर्रा जाने वाले मार्ग पर गांव सिरौली से थोड़ा पहले मिनी स्टेडियम के समीप पूर्व माध्यमिक विद्यालय संचालित होता है। वर्तमान में यह शिक्षा का मंदिर बदहाल है। पांच साल विद्याíथयों की तादात कम होने से उजाड़ हुए इस स्कूल में अब मात्र बीस विद्यार्थी शिक्षा पाते हैं। तीन कक्षाओं के इन विद्याíथयों को पढ़ाने का काम स्कूल की शिक्षिका चंद्रप्रभा माहेश्वरी करती हैं। कई महीनों से यहीं विद्याíथयों को अकेले ही पढ़ाने का दायित्व निभा रही हैं। विद्यालय में कोई दूसरा शिक्षक तैनात है, इनको जानकारी भी नहीं है। स्कूल की साफ- सफाई भी रामभरोसे रहती है। शिक्षण कक्ष जरूर नियमित साफ होता है, जबकि परिसर की सफाई तो तीन-चार माह में सफाईकर्मी करने आता है। इसके लिए भी प्रधान से गुहार करनी होती है।

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स्कूल से निकले हैं शिक्षा के सितारे-

आज भले ही यह पूर्व माध्यमिक स्कूल बदहाल हो, लेकिन यहां से शिक्षा ग्रहण करने वाले गांव के कई नागरिक सरकारी उच्च पदों पर आसीन होकर गांव का चमका रहे हैं। गांव के अशोक कुमार आज सेल टैक्स विभाग में उच्च पद पर आसीन हैं। गांव के हरीश कुमार और सचिन बताते हैं कासगंज के अलावा आसपास कोई स्कूल नहीं हैं, पूर्व माध्यमिक विद्यालय को अफसरों की अनदेखी ने बदहाल कर दिया है। मजबूरी में गांव के लोग बच्चों को शिक्षा के लिए कासगंज भेजते हैं।

जर्जर हो रहा बहुउद्देशीय भवन-

गांव के इस पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पांच साल पहले कई लाख की धनराशि से बनाया गया बहुउद्देशीय भवन आज जर्जर हो रहा है। भवन के बनने के कुछ बाद से ही इसमें किवाड़ और दूसरा सामान गायब हो गया। अब फर्श जर्जर हो रहे हैं तो कमरे क्षतिग्रस्त। शौचालयों में विद्यालय बंद होने के बाद पसरने वाला अराजक तत्वों का सामान भरा हुआ है। गुटखा- सिगरेट के टुकड़े यहां मनमानी का बयां करते हैं।

वर्जन-

-इस पूर्व माध्यमिक विद्यालय की दशा सुधारने को पूरी कोशिश करूंगी। जल्द ही समय निकालकर यहां का हाल देखा जाएगा। विद्यालय को पुराने स्तर पर लाने के लिए गांव के प्रमुख लोगों का सहयोग लिया जाएगा। सभी व्यवस्थाएं सुधरवाई जाएंगी।

-गीता वर्मा, बीएसए।

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