धुआं मुक्त हुई 2.10 लाख रसोई

केस-1) गौरी गांव की माया देवी कहती हैं कि चूल्हे पर लकड़ी जलाकर खाना पकाने में रसोई

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Mar 2019 07:19 PM (IST) Updated:Sun, 24 Mar 2019 07:19 PM (IST)
धुआं मुक्त हुई 2.10 लाख रसोई
धुआं मुक्त हुई 2.10 लाख रसोई

केस-1)

गौरी गांव की माया देवी कहती हैं कि चूल्हे पर लकड़ी जलाकर खाना पकाने में रसोई धुएं से भर जाती थी तो आंसुओं की वजह से आंखे सूज जाती थीं। उज्ज्वला योजना में निश्शुल्क रसोई गैस की सौगात मिली है तो सब ठीक हो गया है। धुआं मुक्त रसोई से खाना पकाने में सहूलियत हो गई है।

केस-2)

लालपुर गांव की रोशनी का कहना है कि पानी गर्म करना हो या चाय बनानी हो चूल्हे पर लकड़ी जलाना पड़ता था। सरकार ने उन्हें निश्शुल्क उज्ज्वला गैस कनेक्शन दिया है तो अब सहूलित हो गई है। सिलिडर लेने गैस एजेंसी तक भाग दौड़ नहीं करनी पड़ती। बुकिग के बाद सिलिडर घर पर ही मिलता है। -चार वर्ष में गरीब परिवारों की रसोई तक पहुंचा एलपीजी सिलिडर, सहूलियत के लिए 5 किलोग्राम सिलिडर संग कनेक्शन का विकल्प

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के ऐसे 2.10 लाख परिवार जो चूल्हे पर लकड़ी जलाकर खाना पका रहे थे उन्हें उज्ज्वला योजना में निश्शुल्क रसोई गैस कनेक्शन की सौगात मिली है। अब रसोई धुआं मुक्त हो गई है तो खाना पकाने में परेशानी नहीं होती है। इसकी वजह से महिलाओं के चेहरों पर मुस्कान खिली है।

जिले की मौजूदा आबादी लगभग 25 लाख है। आपूर्ति विभाग के सर्वे के अनुसार वर्ष 2014 में जिले में लगभग 1.20 लाख घरों तक ही एलपीजी कनेक्शन की पहुंच थी। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों की महिलाएं चूल्हे पर लकड़ी या उपले जलाकर धुआं भरे दम घोटू माहौल में खाना पकाने को मजबूर थी। रसोई का धुआं आंखों की नजर को कमजोर कर सेहत भी बिगाड़ रहा था। केंद्र सरकार ने मई 2016 में उज्ज्वला योजना लांच की। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों को निश्शुल्क कनेक्शन देने की शुरुआत हुई। दिसंबर 2018 तक लगभग चार वर्ष के अंदर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 2.10 लाख परिवारों तक रसोई गैस कनेक्शन की पहुंच हो गई। योजना में लाभांवित परिवारों को बड़ा सिलिडर रिफिल कराने की दिक्कत सामने आयी। इसके ²ष्टिगत सरकार ने पांच किलोग्राम गैस सिलिडर के साथ उज्ज्वला कनेक्शन देने की पहल भी की है।

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उज्ज्वला कनेक्शन लेने की शर्तों में शिथिलता की गई है। अब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के एकल पुरुष परिवार को उज्ज्वला गैस कनेक्शन मिल सकता है। जिले की सभी 32 गैस एजेंसी संचालकों को आवेदन की जांच के आधार पर कमजोर वर्ग के परिवार को उज्ज्वला कनेक्शन देने को कहा गया है।

परितोष कोतवाल, नोडल अधिकारी उज्ज्वला योजना

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और बीस हजार उज्ज्वला कनेक्शन का लक्ष्य

उज्ज्वला योजना के जिला नोडल अधिकारी पारितोष कहते हैं कि अभी 20 हजार और घरों तक और रसोई गैस पहुंचाना बाकी है। दिसंबर 2018 में विस्तारित उज्ज्वला-2 योजना का शुभारंभ किया गया है। इसी के तहत अब उज्ज्वला योजना में आर्थिक रूप से कमजोर एकल पुरुष को भी निश्शुल्क गैस कनेक्शन देने व पांच किलो गैस सिलिडर की उपलब्धता जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी।

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