दूसरों को खाना देने वालों पर रोटी का संकट

संवाद सहयोगी झींझक:, कानपुर देहात: स्कूल में बच्चों का पेट भरने वाली रसोइयों के स्वयं के

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 06:36 PM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 06:36 PM (IST)
दूसरों को खाना देने वालों पर रोटी का संकट
दूसरों को खाना देने वालों पर रोटी का संकट

संवाद सहयोगी झींझक:, कानपुर देहात: स्कूल में बच्चों का पेट भरने वाली रसोइयों के स्वयं के बच्चों पर रोटी का संकट आ गया है। तीज त्योहार गुजर गये लेकिन रसोइयों के मानदेय को लेकर किसी ने ¨चता नहीं की। कई बार इसके लिए पत्र लिखा गया लेकिन उसका कोई जवाब नहीं मिला।

झींझक ब्लाक के 212 परिषदीय स्कूलों में तैनात रसोइयों को जुलाई 2018 से मानदेय नहीं मिल रहा है। इधर सारे त्योहार उनके इसी तरह सूने ही बीत गए। कई बार ब्लाक से बजट की मांग हुई लेकिन उपलब्ध नहीं कराया जा सका। स्कूलों में तैनात रसोइयों का मानदेय एक हजार के करीब होता है, उसमें यदि स्कूल में बच्चे अधिक हैं तो मानदेय बढ़ भी जाता है। ब्लाक में 158 प्राथमिक और 54 जूनियर स्कूल हैं। परिषदीय स्कूलों में तैनात रसोइयों को पांच माह से मानदेय न मिलने के कारण भुखमरी के कगार पर है। परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिये मिडडेमील बनाने के लिये रसोइया तैनात की गयी हैं। रसोइया यहां पढ़ने वाले बच्चों को रोजाना मिडडे मील का भोजन पका कर खिलाने का काम करती हैं। सरकार इन्हें इनकी मेहनत का एक हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से मानदेय देती है। परंतु झींझक ब्लाक के 158 प्राथमिक विद्यालय व 54 जूनियर विद्यालयों में तैनात करीब चार सैकड़ा रसोइयों को माह जुलाई से मानदेय नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण स्कूल में बच्चों को खाना खिलाने वाली रसोइयों को मानदेय न मिलने के कारण भुखमरी की कगार पर हैं। मनकापुर स्कूल में तैनात रसोइया संतोषी देवी व ¨रकी देवी , परजनी स्कूल में तैनात रसोइया बबली व सुखरानी ने बताया कि जुलाई 018 से मानदेय नहीं मिल पा रहा है। जिससे हम लोग खासे परेशान हैं। और निजी खर्च भी नहीं हो पा रहा है। कई बार अधिकारियों से कहने के बाद भी मानदेय नहीं मिल पा रहा है।खंड शिक्षा अधिकारी झींझक ज्ञानप्रकाश अवस्थी ने बताया कि रसोइयों के मानदेय के लिये रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। जल्द ही उन्हें मानदेय मिलने की संभावना है।

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