चौबेपुर के निलंबित थाना प्रभारी की जमानत अर्जी खारिज

- पुलिस की दबिश की सूचना विकास दुबे और साथियों को देने का है आरोप - पूर्व में भी आरोपित का

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 12:29 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 05:02 AM (IST)
चौबेपुर के निलंबित थाना प्रभारी की जमानत अर्जी खारिज
चौबेपुर के निलंबित थाना प्रभारी की जमानत अर्जी खारिज

- पुलिस की दबिश की सूचना विकास दुबे और साथियों को देने का है आरोप

- पूर्व में भी आरोपित का जमानत प्रार्थनापत्र खारिज हो चुका है कोर्ट से जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : बिकरू कांड में जेल में बंद चौबेपुर के निलंबित थाना प्रभारी विनय तिवारी के जमानत याचिका विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित कोर्ट ने खारिज कर दी। निलंबित थाना प्रभारी पर कुख्यात विकास दुबे के गैंग को पुलिस की दबिश की सूचना पहुंचाने के आरोप लगे थे। इससे पूर्व भी उसका जमानत प्रार्थनापत्र खारिज हो चुका है।

बीती दो जुलाई की रात बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों के बलिदान हुआ था। इस घटना में पुलिस दबिश की सूचना विकास और गुर्गो को देने के आरोप में निलंबित थाना प्रभारी को जेल भेजा गया था। उसकी जमानत के लिए दूसरी बार वकील ने शुक्रवार कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया था। विनय के वकील ने आरोपित को निर्दोष बताकर जमानत मांगी। उन्होंने तर्क रखा कि दबिश के दिन विनय पुलिस टीम के साथ ही थे और विकास दुबे गैंग के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था। विकास के घर से असलहा- कारतूस बरामद करने सहित तमाम साक्ष्य प्रस्तुत किए।

वहीं अभियोजन पक्ष के वकील व सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रशांत मिश्र ने दबिश की सूचना विकास दुबे गैंग तक विनय तिवारी द्वारा पहुंचाने के साक्ष्य प्रस्तुत किए। उन्होंने अदालत को बताया कि दबिश वाले दिन मौजूद पुलिसकर्मियों व गिरफ्तार अभियुक्तों ने विनय तिवारी की विकास दुबे से नजदीकियां बताई थी। आरोपित का विकास के यहां आना जाना भी था। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश रामकिशोर की अदालत ने जमानत अर्जी खारिज कर दी। इससे पूर्व भी बचाव पक्ष के अधिवक्ता के न पहुंचने पर जमानत प्रार्थनापत्र खारिज किया जा चुका है।

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