Kanpur: बलवंत कांड में हत्या की धारा में ही चलेगा मुकदमा, एसआइटी की विवेचना को कोर्ट ने माना दूषित
Kanpur Dehat में व्यापारी बलवंत सिंह की हत्या के मामले में कोर्ट ने एसआइटी की विवेचना को नकार दिया है साथ ही उनकी गैरइरादतन हत्या के आरोपपत्र को दूषित विवेचना मानते हुए हत्या की धारा 302 में ही मुकदमा चलाए जाने का आदेश दिया है।
कानपुर देहात, जागरण संवाददाता: रनियां थाने में व्यापारी बलवंत सिंह की हत्या के मामले में कोर्ट ने एसआइटी की विवेचना को नकार दिया है, साथ ही उनकी गैरइरादतन हत्या के आरोपपत्र को दूषित विवेचना मानते हुए हत्या की धारा 302 में ही मुकदमा चलाए जाने का आदेश दिया है।
जेल में बंद आरोपितों को बुधवार को तलब किया गया है। इससे पहले एसआइटी ने तीन आरोपितों को क्लिन चिट भी दे दी थी। 12 दिसंबर को रनियां थाने में व्यापारी बलवंत सिंह की पुलिसकर्मियों व एसओजी टीम के लोगों ने जमकर पिटाई की थी। इससे उनकी मौत हो गई थी। बलवंत का शव पुलिसकर्मी जिला अस्पताल में छोड़कर भाग निकले थे। मामले में हत्या का मुकदमा एसओजी टीम व उस समय रनियां व शिवली थाना प्रभारी पर हुआ था। जांच एसआइटी कन्नौज को दी गई थी। इस पर एसआइटी ने हत्या की धारा की जगह गैरा इरादतन हत्या की धारा में आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया था।
न्यायालय ने एसआइटी की विवेचना को दूषित माना
तत्कालीन थाना प्रभारी रनियां शिवप्रकाश सिंह व एसओजी के सिपाही महेश गुप्ता और जिला अस्पताल के डाक्टर को क्लिन चिट दे दी थी। मामले में वादी पक्ष से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता जितेंद्र प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि न्यायालय ने एसआइटी की विवेचना व नाम हटाए जाने को लेकर दूषित विवेचना माना और रनियां के तत्कालीन एसओ, सिपाही व पूर्व से जेल में बंद आरोपितों तत्कालीन शिवली थाना प्रभारी राजेश सिंह, दारोगा ज्ञानप्रकाश पांडेय, एसओजी प्रभारी रहे प्रशांत गौतम, विनोद कुमार, दुर्गेश कुमार, सोनू यादव, अनुज कुमार व प्रशांत पांडेय पर हत्या, आपराधिक षड़यंत्र रचने, बलवा गालीगलौज व धमकाने की धारा में मुकदमा चलाए जाने का आदेश दिया है।
पीड़ित परिवार को दिलाया जाएगा न्याय
अधिवक्ता जितेंद्र प्रताप सिंह चौहान का कहना है कि विवेचना को पढ़ने से ही प्रतीत होता है कि दोषियों को बचाने का काम किया गया है और जानबूझकर साक्ष्यों के संकलन में कोताही बरती गई है। अब आरोपितों को बुधवार को कोर्ट ने तलब किया है जिसमें बदली धारा में रिमांड लिया जाएगा। इसके अलावा सोनू यादव का जमानत प्रार्थनापत्र जिला जज की कोर्ट में गैराइरादतन हत्या में दाखिल किया गया है। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाएगा।
बलवंत के शरीर पर मिली थीं 31 चोटें
बलवंत की पिटाई रस्सी से बांधकर की गई थी। पोस्टमार्टम में कुल 31 चोटें मिली थीं व पूरा शरीर काला पड़ गया था। बलवंत के चाचा व मुकदमा कराने वाले अंगद सिंह का कहना है कि उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि आरोपितों को कड़ी सजा मिलेगी। इसके बाद ही उनके परिवार को संतुष्टि मिल पाएगी।