कभी सुना है जल पर योग, कानपुर की जलपरी गंगा में करती है बटरफ्लाई और वृक्षासन

तैराकी में कुछ दिन अभ्यास नहीं करने से तैराक के जोड़ के साथ मांसपेशियों में जकड़न होती है इससे छुटकारा पाने के लिए योग बहुत जरूरी होता है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 22 Jun 2020 05:30 PM (IST) Updated:Mon, 22 Jun 2020 05:30 PM (IST)
कभी सुना है जल पर योग, कानपुर की जलपरी गंगा में करती है बटरफ्लाई और वृक्षासन
कभी सुना है जल पर योग, कानपुर की जलपरी गंगा में करती है बटरफ्लाई और वृक्षासन

कानपुर, [अंकुश शुक्ल]। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर देश दुनिया में लोगों ने धरती पर योग का अभ्यास किया लेकिन कभी सुना है जल में योग। जी हां, कानपुर जलपरी जल में योग साधना करती है। पानी में ऐसे आसन कि देखने वाले चकित रह जाएं और तैराकी को आसान बना दें। पानी में बटरफ्लाई और वृक्षासन के अलावा ध्यान की मुद्रा में तैराकी करके हैरत में डाल देती हैं।

छोटी सी उम्र में मिला पुरुस्कार

महज 11 साल की छोटी सी उम्र में गंगा नदी में कानपुर से वाराणसी तक का सफर तय करने वाली जलपरी श्रद्धा शुक्ला इन दिनों तैराकी के साथ योग को अपनी दिनचर्या में शामिल कर चुकीं हैं। वे तैराकी का अभ्यास करने से पहले पानी में योगासन करतीं। छोटी सी उम्र में रानी लक्ष्मी बाई वीरता पुरस्कार से नवाजी जा चुकी जलपरी श्रद्धा शुक्ला नानाराव मैस्कर घाट पर गंगा नदी में प्रतिदिन से पांच से सात किमी तैराकी करती हैं। इन दिनों वो हरिद्वार से कानपुर तक तैराकी का रिकार्ड बनाने की तैयारियों में जुटीं हैं।

इस तरह योग ने आसान की तैराकी

श्रद्धा बतातीं हैं कि लंबे समय तक तैराकी नहीं कर पाने के कारण कंधों में जकड़न व स्टेमिना में कमी आ गई थीं। इसके कारण तैराकी करने में परेशानी हो रही थी। पिता ललित शुक्ला ने तैराकी से पहले योगासन करने की सलाह दी। इससे मुझे ऊर्जा व बेहतर करने की प्रेरणा मिली। तब से प्रतिदिन पानी में बटर फ्लाई, ताड़ासन, वृक्षाआसन, त्रिकोणआसन, अर्द्धचक्रआसन संग तैराकी की आदत डाल ली। श्रद्धा गंगा में जब ध्यान की मुद्रा में तैराकी करती हैं तो हर कोई चकित रह जाता है।

बहन सिखाती योग के आसन

श्रद्धा को योगासन के लाभ व विधाओं से बड़ी बहन पूर्वी परिचित करातीं हैं। उनका लक्ष्य स्वच्छ गंगा व प्रदूषण मुक्त गंगा को लेकर हरिद्वार से कानपुर तक तैराकी करना है। पिता व कोच ललित शुक्ला के मुताबिक तैराकी में अभ्यास बहुत जरूरी होता है। कुछ दिन अभ्यास नहीं करने से तैराक के कंधे व हाथ के जोड़ के साथ मांसपेशियों में जकड़न होने लगती। जिसके कारण तैराक अपनी मूल शैली भूल जाता है और उसे तैराकी में तमाम दिक्कते आती। किसी नदी में तैरना स्विमिंग पूल की अपेक्षा कठिन होती है। योग से मांसपेशियों में आने वाली दिक्कतें समाप्त होती।

जलपरी की उपलब्धियों पर एक नजर 2016 में रानी लक्ष्मी बाई वीरता पुरस्कार से तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सम्मानित किया। 2013 में तैराकी में बेहतर प्रदर्शन के कारण उर्जिता सम्मान मिला। 2014 में राष्ट्रीय श्रीमंत माधवराव सिंधिया मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित। कानपुर रत्न सहित लगभग एक दर्जन से ज्यादा पुरस्कार से पुरस्कृत।

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