बुढ़वा मंगल पर सूने रहे मंदिर, फेसबुक और व्हाट्सएप पर हुए संकट मोचन के दर्शन

कोरोना संक्रमण के कारण कानपुर में मंदिरों को खोलने का आदेश नहीं होने के कारण बुढ़वा मंगल पर्व पर मंदिरों में महंत और आचार्यों ने पूजन अर्चन किया।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 01 Sep 2020 10:59 AM (IST) Updated:Tue, 01 Sep 2020 10:59 AM (IST)
बुढ़वा मंगल पर सूने रहे मंदिर, फेसबुक और व्हाट्सएप पर हुए संकट मोचन के दर्शन
बुढ़वा मंगल पर सूने रहे मंदिर, फेसबुक और व्हाट्सएप पर हुए संकट मोचन के दर्शन

कानपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल के बीच मंगलवार को बुढ़वा मंगल मंदिरों में विधि विधान से पूजन अभिषेक करके मनाया गया। श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर पनकी और जीटी रोड स्थित दक्षिणेश्वर बाल हनुमान मंदिर में ब्रह्म मुहूर्त पर बाबा का श्रृंगार पूजन किया गया। संक्रमण से बचाव के लिए प्रशासन और मंदिर प्रबंधन की ओर से श्रद्धालुओं को घरों पर ही रह कर भगवान का पाठ करने की सलाह दी गई। जिसे मानते हुए ज्यादातर श्रद्धालुओं ने संकट मोचन भगवान की आराधना व पूजन घरों में रहकर ही की।

श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर पनकी के महंत श्री कृष्ण दास महाराज और महामंडलेश्वर जितेन्द्र दास महाराज ने मंदिर के अन्य पुजारियों के साथ ब्रह्म मुहूर्त पर बाबा का पूजन अभिषेक और भोग अर्पित किया। मंदिर में हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ कर प्रतिवर्ष की तरह मंत्रोच्चारण के बीच विश्व कल्याण की कामना की गई। महंत श्री कृष्ण दास महाराज ने बताया कि प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी मंदिर परिसर को सजाया गया बाबा का श्रृंगार और पूजन परंपरा के अनुसार किया गया।

संक्रमण को देखते हुए इस बार श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश के लिए पहले से ही मना कर दिया गया था। सोशल मीडिया पर फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से संकट मोचन के दर्शन श्रद्धालुओं को कराए गए। वहीं दक्षिणेश्वर बाल हनुमान मंदिर में मंदिर पुजारी अरविंद शुक्ला ने भगवान का पूजन और भोग अर्पित किया।

प्रतिवर्ष बुढ़वा मंगल पर्व को लेकर श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह देखने को मिलता रहा है। इस दिन देर रात से ही शहर के प्रमुख हनुमान मंदिरों में हजारों की संख्या में श्रद्धालु लंबी-लंबी कतारों देखने को मिल जाते थी। मंदिरों में बाबा का गुणगान और संकट मोचन के सुंदरकांड का पाठ निरंतर रूप से किया गया। मंगलवार को मंदिरों में विधि विधान से पूजन के बाद पट बंद कर दिए गए। दर्शन की आस लेकर पहुंचे कई श्रद्धालुओं को बाहर से ही लौटना पड़ा।

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