जल संकट: सबसे निचले स्तर पर पहुंचा गंगा का जलस्तर
गंगा का घटता जलस्तर खतरनाक संकेत देने लगा है। मंगलवार रात गंगा का जलस्तर सबसे निचले स्तर यानी अब तक के इतिहास में सबसे कम 355 फीट पर आ गया है। इससे कानपुर में जलसंकट गहराने के आसार बढ़ गए हैं। इसमें नहरों में पानी की कमी कोढ़ में खाज बन रही है।
जागरण संवाददाता, कानपुर: गंगा का घटता जलस्तर खतरनाक संकेत देने लगा है। मंगलवार रात गंगा का जलस्तर सबसे निचले स्तर यानी अब तक के इतिहास में सबसे कम 355 फीट पर आ गया है। इससे कानपुर में जलसंकट गहराने के आसार बढ़ गए हैं। इसमें नहरों में पानी की कमी कोढ़ में खाज बन रही है। लोअर गंगा कैनाल में पानी कम होने से एक करोड़ लीटर पानी और कम मिला है। ऐसे में गंगा से पानी खींचने के लिए अस्थायी बंधे की लंबाई बढ़ाने की तैयारी की जा रही है।
मंगलवार देर रात भैरोघाट पंपिंग स्टेशन पर गंगा का जलस्तर अब तक का सबसे कम 355 फीट रहा। इसके पहले वर्ष 2016 में 355.3 फीट तक गया था। जलकल गंगा से रोजाना 20 करोड़ लीटर कच्चा पानी खींचकर शहर को जलापूर्ति करता है। गंगा का जलस्तर गिरने के बाद से जलकल के अफसरों में खलबली मची हुई है। भैरोघाट पंपिंग स्टेशन के पास बने 400 मीटर अस्थाई बंधे की लंबाई अब 45 मीटर और बढ़ाई जा रही है। पानी कम होने के कारण पुराना पंप बंद कर नया पंप हाउस चलाया जा रहा है।
इसी कड़ी में लोअर गंगा कैनाल में पानी कम होने पर दो पंप की जगह बुधवार को एक पंप चलाकर पानी जलकल भेजा गया। ऐसे में पांच करोड़ लीटर की जगह चार करोड़ लीटर ही पानी मिला। इसी कड़ी में साउथ सिटी में फत्तेपुर नहर से गुजैनी वाटरवर्क्स में 2.8 करोड़ लीटर पानी लेकर जलापूर्ति की जा रही है। इस नहर में भी पानी कम हो गया है लेकिन, अभी गुजैनी वाटरवर्क्स को पानी मिल रहा है।
जलकल सचिव आरबी राजपूत ने बताया कि जलापूर्ति जारी रखने के लिए अस्थाई बंधा और बढ़ाया जा रहा है।
नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा ने सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता से बैराज से पानी छोड़ने को कहा। मुख्य अभियंता ने कहा कि दो दिन में सुधार आ जाएगा।
बैराज से 60 करोड़ लीटर की व्यवस्था,मिल रहा साढ़े तीन करोड़
गंगा बैराज में 60 करोड़ लीटर पीने के पानी की व्यवस्था है लेकिन, अभी तक सिर्फ साढ़े तीन करोड़ लीटर ही पीने का पानी मिल रहा है। अगर यह पानी मिलने लगे तो शहर में पीने के पानी की किल्लत ही खत्म हो जाएगी।
लीकेज से रुकी पांच करोड़ लीटर जलापूर्ति
बैराज से जलकल को मिलने वाली पांच करोड़ लीटर जलापूर्ति लीकेज के चलते रूकी पड़ी है। अगर यह पानी जलकल को मिलने लगे तो शहर को काफी राहत मिलेगी।