Bikru Case: विकास दुबे गैंग ने दो बार बरसाई थीं गोलियां, पहले छत फिर नीचे उतरकर किए थे फायर

बिकरू कांड में पुलिस द्वारा अदालत में दाखिल की गई चार्जशीट में जिक्र किया गया है कि तत्कालीन सीओ से विकास और गुर्गे नाराज थे और दबिश देने आई टीम पर पहले 15 मिनट तक छत और फिर नीचे उतरकर 15 मिनट फायरिंग की थी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 12 Oct 2020 09:58 AM (IST) Updated:Mon, 12 Oct 2020 09:58 AM (IST)
Bikru Case: विकास दुबे गैंग ने दो बार बरसाई थीं गोलियां, पहले छत फिर नीचे उतरकर किए थे फायर
बिकरू कांड के बाद एनकाउंटर में मारा गया दुर्दांत अपराधी विकास दुबे।

कानपुर, जेएनएन। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे और उसके गुर्गों ने बिकरू में पुलिसकर्मियों पर दो बार गोलियां बरसाई थीं। पहले जब पुलिस टीम गांव में दाखिल हुई तो छतों पर खड़े होकर 15 मिनट तक फायर किए गए और घायल पड़े पुलिसकर्मियों पर फिर 15 मिनट तक गोलियां दागी थीं। पुलिस ने चार्जशीट में इसका जिक्र किया है। साथ ही लिखा है कि तत्कालीन सीओ बिल्हौर से विकास ही नहीं, उसके साथी भी नाराज थे।

दो जुलाई की रात चौबेपुर के बिकरू में पुलिस टीम पर सैकड़ों राउंड फायर हुए थे। लाइसेंसी व अत्याधुनिक रायफलों के साथ ही देशी तमंचे व पिस्टल भी इसमें इस्तेमाल किए गए थे। पुलिस ने मुठभेड़ और गिरफ्तारी के दौरान आरोपितों से करीब 32 असलहे बरामद भी किए हैं। इसमें से आठ लाइसेंसी असलहे हैं। चार्जशीट के मुताबिक, हमलावरों ने जिस तरह से तैयारी की थी, उससे यही प्रतीत हो रहा है कि उन्हें कई घंटे पहले दबिश का पता लग चुका था। विकास और उसके साथी छतों पर डटे थे।

उन्होंने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। जब तक बड़ी संख्या में फोर्स मौके पर पहुंचा तो बिल्कुल सन्नाटा मिला था। आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी थी। घायल पुलिसकर्मियों ने भी सिर्फ उनकी चीखें सुनीं थी। किसी के भी मृत्यु से पहले बयान नहीं हो सके। जिन पुलिसकर्मियों की सांसें चल रही थीं, उन्हें सरकारी वाहनों से फौरन अस्पताल भेजा गया। ठीक होने के बाद उन्हें ही चश्मदीद और मुख्य गवाह बनाया गया। चार्जशीट में लिखा है कि सीओ देवेंद्र कुमार मिश्र से विकास के साथ ही उसके करीबी अमर दुबे, प्रभात, जिलेदार आदि कई की भी खुन्नस थी। इसके वजह थी कि सीओ उनके आपराधिक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देते थे।

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