Bikru Case: कोर्ट में लंबी बहस के बाद निलंबित एसओ विनय तिवारी की जमानत याचिका खारिज

बिकरू कांड में आरोपित चौबेपुर थाने में रहे निलंबित एसओ विनय तिवारी पर दुर्दांत विकास दुबे गैंग को घटना वाली रात सूचना पहुंचाने का आरोप लगा था लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 10:15 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 10:15 PM (IST)
Bikru Case: कोर्ट में लंबी बहस के बाद निलंबित एसओ विनय तिवारी की जमानत याचिका खारिज
बिकरू कांड में आरोपित रहा विकास दुबे और निलंबित एसओ विनय तिवारी। फाइल फोटो

कानपुर देहात, जेएनएन। बिकरू कांड में विकास दुबे को सूचना पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद जेल में निरुद्ध निलंबति एसओ विनय तिवारी की जमानत याचिका शुक्रवार को कोर्ट में लंबी बहस के बाद खारिज कर दी गई। विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर से निलंबित एसओ के निर्दोष होने के तर्क दिए गए तो अभियोजन पक्ष ने दबिश वाले दिन की सूचना विकास दुबे गैंग तक पहुंचाने के साक्ष्य प्रस्तुत किए। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत का आधार पर्याप्त न पाते हुए प्रार्थनापत्र को खारिज कर दिया।

चौबेपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई की रात दबिश देने की गई पुलिस टीम पर हुए हमले में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। हमले में मुख्य आरोपित रहा दुर्दांत विकास दुबे समेत उसके साथियों को भी पुलिस ने एक एक करके एनकाउंटर में मार गिराया था। वहीं कई साथी अभियुक्तों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था। वहीं बिकरू कांड में चौबेपुर के निलंबित एसओ विनय तिवारी और हलका इंचार्ज केके शर्मा पर विकास दुबे को सूचना पहुंचाने का आरोप लगा था।

घटना के बाद हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी और बाद में उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था। शासन के आदेश पर दोनों को निलंबित कर दिया गया था। प्रकरण में चार्जशीट दाखिल करने से कानपुर शहर के कुछ पुलिस अधिकारी माती जेल में निलंबित एसओ से पूछताछ करने भी गए थे। वहीं दूसरी ओर बिकरू कांड के बाद कई ऑडियो वायरल हुए, जिनमें पूर्व एसओ की भूमिका संदिग्ध मिली थी।

शुक्रवार को माती स्थित विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित कोर्ट में विचाराधीन मुकदमे में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने निलंबित एसओ विनय तिवारी की जमानत के लिए दूसरी बार प्रार्थनापत्र किया था। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के वकील व एडीजीसी प्रशांत मिश्रा के मध्य जमानत के बिंदुओं को लेकर लंबी बहस हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से दबिश वाले दिन की सूचना विकास दुबे गैंग तक विनय तिवारी द्वारा पहुंचाने के साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। विशेष न्यायाधीश रामकिशोर ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपित की दूसरी जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया है।

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