पावर कारपोरेशन में सामने आ सकता बड़ा घोटाला, एक करोड़ तक के ई-टेंडरों की विजिलेंस जांच शुरू

पांचों डिस्कॉम में वर्ष 2017-18 और 2018-19 में घोटाले के आरोप को लेकर शासन के आदेश पर कार्रवाई शुरू की गई है।

By AbhishekEdited By: Publish:Thu, 27 Feb 2020 10:11 AM (IST) Updated:Thu, 27 Feb 2020 10:11 AM (IST)
पावर कारपोरेशन में सामने आ सकता बड़ा घोटाला, एक करोड़ तक के ई-टेंडरों की विजिलेंस जांच शुरू
पावर कारपोरेशन में सामने आ सकता बड़ा घोटाला, एक करोड़ तक के ई-टेंडरों की विजिलेंस जांच शुरू

कानपुर, [गौरव दीक्षित]। बीते दो वित्तीय वर्षों में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) में हुए एक करोड़ रुपये तक के सभी ई-टेंडरों की शासन ने जांच शुरू कराई है। भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर विजिलेंस को जांच सौंपी गई है। एडीजी विजिलेंस ने आदेश जारी कर ऊर्जा निगम के केस्को समेत सभी पांचों डिस्कॉम से ई टेंडरों का रिकार्ड लेकर अपर पुलिस अधीक्षक विजिलेंस से जांच करने को कहा गया है, जो एक महीने में पूरी होगी।

मेरठ से की गई थी शिकायत

पिछले दिनों मेरठ निवासी समर पाल सिंह ने शासन को शिकायती पत्र भेजा था। इसमें आरोप लगाया था कि यूपीपीसीएल के ई-टेंडरों में भारी गोलमाल हो रहा है। डिस्कॉम और जनपदों में तैनात विद्युत विभाग के अफसरों ने अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए मनचाहे तरीके से नियम कायदे बनाए। आरोप यह भी है कि कई बार योजनाओं के बजट में खेल किया तो कई बार बिलो टेंडर को नजरंदाज कर चहेते ठेकेदारों को उपकृत किया। शिकायतकर्ता ने कई साक्ष्य भी दिए हैं। मुख्य रूप से पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में गोलमाल के आरोप थे, लेकिन शासन ने इसे गंभीरता से लिया है।

एडीजी विजिलेंस कार्यालय से आदेश

इस संबंध में 12 फरवरी को एडीजी विजिलेंस कार्यालय से आदेश जारी किया गया है। इसमें ऊर्जा निगम के पांचों डिस्कॉम दक्षिणांचल, पश्चिमांचल, मध्यांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के साथ केस्को में वित्तीय वर्ष 2017-18 और 2018-19 में हुए एक लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक हुए ई टेंडरों की जांच के आदेश दिए गए हैं। इन सभी डिस्कॉम में तैनात अपर पुलिस अधीक्षक विजिलेंस स्तर के अधिकारी जांच करेंगे। हालांकि केस्को में इस समय अपर पुलिस अधीक्षक विजिलेंस का पद खाली है, इसलिए सीओ विजिलेंस संतलाल को यह जांच सौंपी गई है।

केस्को में दो सौ करोड़ की निविदाएं जांच के दायरे में

सूत्रों के मुताबिक जांच के दायरे में आ रहे दो वित्तीय वर्षों में केस्को में करीब दो सौ करोड़ रुपये की विकास योजनाओं के टेंडर डाले गए। इस दौरान सर्वाधिक खर्च आइपीडीएस (इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम) योजना के तहत किया गया। आइपीडीएस के तहत 460 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। विजिलेंस सीओ संतलाल ने बताया कि केस्को से इन दो वित्तीय वर्षों में ई-टेंडर से हुई ई निविदा एवं आवंटित निविदाओं से जुड़ी पत्रावलियां मांगी हैं।

chat bot
आपका साथी