आरटीआइ में यूपी के 17 हजार अफसरों पर लगाया गया जुर्माना, सिर्फ 800 से हो सकी वसूली

कानपुर नगर निगम सभागार में राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह ने कहा है कि मलाईदार विभागों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है यहां पारदार्शिता की कमी है। जन सूचना में मिले साक्ष्य का प्रयोग कोर्ट तक में किया जा सकता है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 12 Aug 2021 09:55 AM (IST) Updated:Thu, 12 Aug 2021 09:55 AM (IST)
आरटीआइ में यूपी के 17 हजार अफसरों पर लगाया गया जुर्माना, सिर्फ 800 से हो सकी वसूली
राज्य सूचना आयुक्त ने प्रेसवार्ता में दी जानकारी।

कानपुर, जेएनएन। राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह ने यहां कहा कि जन सूचना अधिकार (आरटीआइ) में जवाब नहीं देने पर प्रदेश में 17 हजार अफसरों पर जुर्माना लगाया गया है। हालांकि, इसमें सिर्फ आठ सौ से वसूली हुई है। धीमी गति से कार्य हो रहा है। मलाईदार विभागों में पारदर्शिता की कमी है। इसलिए वहीं पर सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है।

कानपुर नगर निगम सभागार में पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि पहली बार यह प्रयोग किया गया कि संबंधित विभाग की आरटीआइ का निस्तारण वहीं पर कराया जाए, जिससे वादी भी आ सके। इसके लिए नगर निगम में तीन दिन में 108 शिकायतों का निस्तारण किया गया। इसमें 82 का मौके पर ही निस्तारण हो गया। इनमें सिर्फ 45 वादी आए। बाकी के लिए अगली तिथि दी गई। लखनऊ में बचे मामलों का निस्तारण कराया जाएगा। इसमें साफ कहा है कि वकील के साथ ही जन सूचना अधिकारी भी जरूर आएंगे। उन्होंने कहा कि आरटीआइ की अगली बैठक केडीए में की जाएगी।

उन्होंने बताया कि जन सूचना में मिले साक्ष्य का प्रयोग कोर्ट तक में किया जा सकता है। अगर कोई अफसर आरटीआइ के जवाब में पत्र लिखता है कि इस साक्ष्य का प्रयोग कोर्ट में नहीं किया जा सकता तो यह गलत है। इस पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जनहित वाली सूचनाएं लोगों को मांगनी चाहिए। ज्यादातर व्यक्तिगत होती है। उन्होंने बताया कि 52 सौ मामले लंबित थे। पिछले ढाई वर्षो में वादों के निस्तारण में तेजी आई है। इससे लगभग 1500 केस कम हुए हैं।

उन्होंने वादकारियों से अपेक्षा की है कि जन सूचना अधिकार के अंतर्गत लोकहित में समाहित होने वाली सूचनाएं प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि 30 दिन में सूचना दी जानी चाहिए। तमाम सूचनाएं 30 दिन में नहीं मिलने पर वादी के लिए बेकार हो जाती हैं। वह जन सूचना अधिकार की धारा 18 में अपील कर सकता है। इसमें दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। वार्ता के दौरान नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन, अपर नगर आयक्त रोली गुप्ता मौजूद रहीं।

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