कानपुर मंडल से जुड़ी आठ सीटों पर कांग्रेस ने किन पर लगाया दांव, जानिए क्या है उनका प्रोफाइल

यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कानपुर के आसपास परिक्षेत्र में आठ सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं जिसमें छह महिलाओं को टिकट दिया गया है। उन्नाव सदर से आशा सिंह और फर्रुखाबाद सदर से पूर्व विधायक लुईस खुर्शीद को मैदान में उतारा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 13 Jan 2022 05:22 PM (IST) Updated:Thu, 13 Jan 2022 05:22 PM (IST)
कानपुर मंडल से जुड़ी आठ सीटों पर कांग्रेस ने किन पर लगाया दांव, जानिए क्या है उनका प्रोफाइल
कांग्रेस के प्रत्याशियों में महिलाओं को तरजीह।

कानपुर, जागरण संवाददाता। यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 125 प्रत्याशियों की लिस्ट में कानपुर मंडल से की भी आठ सीटें हैं। कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने इन आठ सीटों में जालौन की दो, उन्नाव, फतेहपुर, महोबा, चित्रकूट, फर्रुखाबाद और औरैया की एक-एक सीट पर प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इनमें छह सीटों पर महिला प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। इसमें सबसे खास सीट उन्नाव की सदर सीट है, जिसपर आशा सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं फर्रुखाबाद की सदर सीट पर पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद को चुनावी मैदान में उतारा है। आइए, जानते हैं कि आठ सीटों पर किसपर कांग्रेस ने दांव लगाया है और उनका राजनीतिक प्रोफाइल क्या है।

लुईस खुर्शीद : पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद को फर्रुखाबाद सदर सीट से प्रत्याशी घोषित किया गया है। इस चुनाव से वह एक बार फिर खोई हुई राजनीतिक जमीन पाने का प्रयास करेंगी। लुईस खुर्शीद ने वर्ष 2002 में फर्रुखाबाद की कायमगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बनीं थीं। वर्ष 2007 में वह बसपा के कुलदीप गंगवार से हार गई थीं। वर्ष 2012 में परिसीमन बदलने पर कायमगंज विधानसभा सीट आरक्षित हो जाने पर वह फर्रुखाबाद सदर सीट से कांग्रेस की टिकट पर मैदान में उतरीं अौर पांचवे नंबर पर रही थी। 2017 में फर्रुखाबाद सदर सीट गठबंधन में समाजवादी पार्टी के खाते में जाने से वह चुनाव मैदान में नहीं उतर सकी थीं। 68 वर्षीय लुईस खुर्शीद ने अंग्रेजी व जर्नलिज्म विद पालिटिक्स एवं इकनामिक्स से एमए की डिग्री हासिल की है।

उमाकांति सिंह : जालौन की कालपी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने उमाकांति सिंह को प्रत्याशी बनाया है। सरसेला गांव निवासी उमाकांति वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरी थीं और जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने लगातार तीसरी बार उमाकांति सिंह पर विश्वास जताया है। उमाकांति सिंह के पति सुरेंद्र सिंह महेबा के ब्लाक प्रमुख रह चुके हैं।

उर्मिला सोनकर खाबरी : जालौन की उरई सदर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने उर्मिला सोनकर खाबरी को चुनाव मैदान में उतारा है। पूर्व सांसद एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव बृजलाल खाबरी की पत्नी उर्मिला खाबरी रिटायर्ड पीसीएस अधिकारी हैं। वह वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं। उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ा था और हार का सामना करना पड़ा था। जिले में पहले से कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस तीन में दो सीटों पर महिला उम्मीदवार उतारेगी। कांग्रेस जिलाध्यक्ष दीपांशु समौधिया ने बताया कि पूरी ताकत के साथ प्रत्याशी काे चुनाव लड़ाया जाएगा।

रंजना बरातीलाल पांडेय : चित्रकूट की मानिकपुर सीट से कांग्रेस ने रंजना बरातीलाल पांडेय को एक बार फिर प्रत्याशी घोषित करके चुनावी मैदान में उतारा है। वर्ष 2019 में उपचुनाव में भी मानिकपुर सीट से चुनाव लड़ी थीं और चौथे नंबर पर रही थीं। करीब दस साल से कांग्रेस में सक्रिय रंजना जिला उपाध्यक्ष भी हैं। उनके पति कमलेश कुमार पांडेय अंतरजनपदीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष हैं। विधानसभा उपचुनाव से पहले नगर पालिका के चुनाव मैदान में उतरी थीं लेकिन हार का सामना करना पड़ा था।

शिवाकांत तिवारी : फतेहपुर के हुसैनगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस ने युवा नेता शिवाकांत तिवारी पर दांव लगाया है। उन्होंने छात्र राजनीति से शुरुआत की और डीएवी कॉलेज कानपुर में वर्ष 2006 में छात्र संघ का चुनाव लड़ा था। इसके बाद कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर यूथ इकाई में विधानसभा क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे। इसके बाद जिला इकाई में सक्रिय भूमिका निभाते हुए शिवाकांत ने पीसीसी सदस्य के रूप में जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। वह बीते कई वर्षो से कांग्रेस पार्टी में जिला उपाध्यक्ष हैं।

सागर सिंह : महोबा जनपद की सदर सीट से कांग्रेस ने सागर सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है। मूल रूप से पहरा गांव के रहने वाले सागर पूर्व एमएलसी जयवंत सिंह के पुत्र हैं और विरासत के तौर पर राजनीति में कदम रखा है। उनके पिता जयवंत सिंह 1988 से 94 व 1994 से 2000 तक कांग्रेस से एमएलसी रह चुके हैं। कांग्रेस की युवा लिस्ट में सागर सिंह का नाम काफी पहले से हैं और प्रत्याशी घोषित करके सीट जीतने की बड़ी जिम्मेदारी दी है। कांग्रेस को 1989 के बाद से महोबा सदर सीट पर जीत की तलाश है।

सरिता दोहरे : औरैया की सदर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने सरिता दोहरे का टिकट फाइनल किया है। अजीतमल तहसील क्षेत्र के गांव शाहबाजपुर अमावता निवासी 40 वर्षीय सरिता दोहरे के पति तेज सिंह यूपी पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर पद पर गाजियाबाद में तैनात हैं। सरिता प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सचिव पद का दायित्व संभाल रही हैं और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में सदस्य भी हैं। गृहणी होने के साथ-साथ वह सामाजिक व राजनीतिक कार्यों में सक्रिय रहती हैं। वह कानपुर नगर व ग्रामीण, कानपुर देहात, कन्नौज की जिला प्रभारी भी रह चुकी हैं। वह गिरवर मेमोरियल शिक्षा व धर्मार्थ ट्रस्ट की अध्यक्ष, नेशनल लेबर फाउंडेशन की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय निर्माण मजदूर कल्याण कापरेटिव सोसाइटी की सचिव हैं। ट्रेड यूनियनों में वह राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस, इंटक महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय राष्ट्रीय प्रवासी मजदूर यूनियन की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, इंडियन नेशनल बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में औरैया सुरक्षित सीट से गठबंधन के चलते सपा प्रत्याशी का समर्थन किया था।

आशा सिंह : कांग्रेस ने उन्नाव सदर सीट से आशा सिंह के नाम की घोषणा करके जिले की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। राजनीतिक पृष्ठभूमि न होने के बावजूद आशा सिंह को टिकट देकर न्याय की लड़ाई लड़ने का आह्वान किया गया है। उनकी प्रत्याशिता पर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट करके कहा है- भाजपा ने अन्याय किया, अब वे न्याय का चेहरा बनेंगी- लड़ेंगी, जीतेंगी।

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