'उड़ान' से संवरेगा भटका हुआ बचपन
बेसहारा, बालश्रम या फिर अपराध में संलिप्त बचपन को संवारने के लिए उड़ान प्रोजेक्ट काम करेगा।
जागरण संवाददाता, कानपुर : बेसहारा, बालश्रम या फिर अपराध में संलिप्त बचपन को संवारने के लिए प्रदेश सरकार प्रोजेक्ट उड़ान की शुरूआत करने वाली है। इसमे बेसहारा बच्चों को कुशल (स्किल्ड) बनाने में आने वाले खर्च का वहन सरकार करेगी। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद शहर में इस पर काम शुरू हो चुका है। जिला प्रोबेशन विभाग ऐसे बच्चों का डाटा जुटा रहा है। यह प्रोजेक्ट जहां बाल तस्करी पर लगाम लगाएगा वहीं घर से भटके और भागे हुए बच्चों को घर पहुंचाने में भी सहायक होगा।
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बंद होगा बालश्रम, बच्चे होंगे प्रशिक्षित
अनुमान के मुताबिक शहर में 20,000 से ज्यादा बच्चे रेस्टोरेंट, होटल, दुकान, ठेलों आदि पर बालश्रम करते हैं। प्रोजेक्ट उड़ान के तहत उनकी विधिक पहचान करने के साथ ही उनका मौके पर आधार कार्ड बनाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी पुलिस को सौंपी जाएगी। दिल्ली में सफलता मिलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार भी इस प्रोजेक्ट को लागू करने का मन बना चुकी है।
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5-16 वर्ष के बच्चों का होगा सर्वे
शहर में 5 से 16 वर्ष आयु के बच्चों का सर्वे कर चिन्हित किया जाएगा। इन सभी बच्चों का आधार कार्ड बनाया जाएगा। इसके साथ ही चिंहित बच्चों को पढ़ाने, रहने और उनको कुशल बनाने के लिए प्रशिक्षण देने का खर्च सरकार उठाएगी। आधार कार्ड बनने से घर से भटके हुए बच्चों को घर पहुंचाने में आसानी होगी।
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बच्चों की तस्करी पर लगेगी लगाम
जानकारों का मानना है कि शहर में कई गिरोह हैं जो दूसरे प्रदेशों से बच्चों को लाकर यहां भीख और अपराध जैसे कामों में लगा देते हैं। इन कामों में एक बार लगने के बाद बचपन अंधेरों में गुम हो जाता है। मौके पर ही पुलिस द्वारा बच्चों की पहचान करने से ऐसे गिरोहों की जानकारी सार्वजनिक होगी और उन पर आसानी से कार्रवाई की जा सकेगी।
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पुलिस करेगी सत्यापन
बाल सुधार गृह में बंद अपचारी किशोरों को सुधारने के लिए उनका रिकार्ड रखा जाएगा। दोबारा अपराध करने पर उनकी काउंसलिंग होगी। पांच साल के भीतर बच्चों की परिस्थिति मसलन रहन सहन, पढ़ाई या कामकाज के साथ ही उनके कार्य व्यवहार का परीक्षण होगा। समय-समय पर परीक्षण का तात्पर्य किशोरों को मुख्य धारा में बनाए रखना और उन्हे बेहतर भविष्य की ओर ले जाना है।
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एक नजर में
-20,000 से ज्यादा बच्चे कर रहे बालश्रम
-368 लोगों को प्रदेश में मानव तस्करी के खिलाफ कार्य करने का प्रशिक्षण मिला
-5-16 साल तक के बेसहारा बच्चों का होगा सर्वे, खर्च वहन करेगी सरकार
-5 साल के बाद पुलिस फिर करेगी बच्चों की पड़ताल
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'शहर में उड़ान प्रोजेक्ट को शुरू करने की तैयारी अंतिम चरण में है। छोटी उम्र में काम करने वाले बच्चों का डाटा जुटाया जा रहा है। जल्द ही इसकी शुरूआत कर दी जाएगी।'
अभिषेक कुमार पांडेय, जिला प्रोबेशन अधिकारी, कानपुर नगर