स्कूल से लेकर दुनिया छोडऩे तक निभाया साथ, बहुत दर्दनाक है ये हादसा

यमुना नदी में नहाने गए दो दोस्तों की डूबकर मौत स्वजनों को बिना बताए गए थे दोनों।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 15 Sep 2020 12:04 PM (IST) Updated:Tue, 15 Sep 2020 12:04 PM (IST)
स्कूल से लेकर दुनिया छोडऩे तक निभाया साथ, बहुत दर्दनाक है ये हादसा
स्कूल से लेकर दुनिया छोडऩे तक निभाया साथ, बहुत दर्दनाक है ये हादसा

फतेहपुर, जेएनएन। ललौली थाने के दतौली स्वजनों को बिना बताए यमुना नदी में स्नान करने गए दो किशोर डूब गए। घर न लौटने पर स्वजन इन्हेंं इधर उधर खोजते रहे। रात में नदी किनारे साइकिल व कपड़े मिलने पर ग्रामीण नदी में कूदे तो एक किशोर का शव बरामद हो गया। वहीं मंगलवार तड़के दूसरे का भी शव मिल गया। घटना के बाद स्वजनों में कोहराम मचा रहा।

घटना के आठ घंटे बाद हो सकी जानकारी

दतौली निवासी हरिकृष्ण अवस्थी का 16 वर्षीय पुत्र हर्ष अपने दोस्त 13 वर्षीय सुशील उर्फ गोरे सिंह के साथ सोमवार दोपहर साइकिल लेकर घर वालों को बिना बताए निकल गया। शाम तक जब दोनो अपने घर नहीं पहुंचे तो स्वजन ने खोजबीन शुरु कर दी। रात साढ़े नौ बजे जब स्वजन व ग्रामीण यमुना नदी के किनारे पहुंचे तो दोनो की साइकिलें खड़ी थीं और कपड़े पड़े हुए थे।

आनन फानन ग्रामीण व स्वजन नदी में कूद गए। आधे घंटे बाद सुशील उर्फ गोरे का शव बरामद हो गया लेकिन हर्ष नहीं मिल सका। मंगलवार तड़के स्वजन व ग्रामीणों ने फिर नदी में खोजबीन शुरु कर दी तो एक गड्ढे में हर्ष का शव मिल गया। एसओ संदीप तिवारी ने कहा कि जांच में प्रथम दृष्टया स्पष्ट हुआ है कि दोनों किशोर स्वजनों को बिना बताए घर से यमुना में नहाने निकल गए थे। नहाने में गड्ढे में चले जाने से दोनो की मौत हो गई।

करुण क्रंदन की गूंजीं चीत्कारें

हृदय विदारक हादसे से हर्ष की मां रेखा, बहन नेहा व छोटा भाई आदर्श रो-रोकर बेहाल रहे। वहीं सुशील की बड़ी बहन सुनैना, बड़ा भाई सुनील व पिता बदहवास हो गए। सुशील की मां लक्ष्मी देवी की आठ वर्ष पूर्व मौत हो चुकी है। स्वजनों के करुण क्रंदन की चीत्कारें सुनकर ग्रामीण व रिश्तेदार भी अपने आंसू नहीं रोक सके।

जनता इंटर कालेज के छात्र थे  दोनों

हर्ष के पिता ने बताया कि उनका बेटा दतौली जनता इंटर कालेज में हाईस्कूल का छात्र था। वहीं सुनील सिंह ने बताया कि छोटा भाई सुशील जनता इंटर कालेज मेंं ही कक्षा सात का छात्र था। दोनों एक ही कालेज में पढ़ते थे तो दोस्ती थी। गांव से एक साथ ही साइकिल से आया जाया करते थे। 

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